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फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का करार

फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का करार

भारत और फ्रांस ने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए आज 7.87 अरब यूरो के सौदे पर हस्ताक्षर किए। नवीनतम मिसाइलों और शस्त्र प्रणालियों से लैस इन लड़ाकू विमानों से भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ेगी। माना जा रहा है कि परमाणु वारहेड वहन करने की प्रणाली से युक्त ऐसे लड़ाकू विमान भारत के धुर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और चीन के पास भी नहीं हैं।
राफेल से ताकत तो बढ़ेगी, पर जरूरत ज्यादा स्क्वाड्रन की

राफेल से ताकत तो बढ़ेगी, पर जरूरत ज्यादा स्क्वाड्रन की

भारत ने फ्रांस के साथ जिन 36 राफेल विमानों की खरीद का करार किया है, उनको वायुसेना में शामिल किए जाने के बाद दो स्क्वायड्रन बढ़ जाएंगे। ये विमान 2019 से 2023 के बीच भारत को मिलेंगे। माना जा रहा है कि इससे भी लड़ाकू विमानों की कमी पूरी नहीं होगी। अभी ही वायुसेना के बेड़े में विमान कम हैं। सेवारत मिग विमानों के फेज आउट होने के बाद संख्या और घटने वाली है। ऐसे में भारत की उम्मीदें अमेरिका, स्वीडन और रूसी कंपनियों से भविष्य में होने वाले विमान खरीद सौदों पर टिकी हैं।
बांग्लादेश का पहला ट्रक सामान लेकर सीमा शुल्क डिपो पहुंचा

बांग्लादेश का पहला ट्रक सामान लेकर सीमा शुल्क डिपो पहुंचा

बांग्लादेश से आयातित माल लेकर वहां का एक ट्रक आज सीधे भारतीय सीमा शुल्क के कोलकाता डिपो पहुंचा। ऐसा एक दूसरे के वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश देने के एक क्षेत्रीय समझौते के चलते संभव हुआ और भारतीय सीमा शुल्क विभाग ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया है।
सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

सिंहस्थ घोटाले में फंसी भाजपा सरकार

लगता है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस वर्ष का सिंहस्‍थ कुंभ बहुत भारी पड़ने वाला है। कांग्रेस ने इस सिंहस्‍थ में बड़े पैमाने पर घोटाले के आरोप लगाए हैं। पार्टी ने खर्चों को लेकर सारे आंकड़े मीडिया के सामने रखे हैं और इन खर्चों पर एक सरसरी नजर डालने से ही गड़बड़ियों की बू आने लगती है।
तो क्या इस्राइली कंपनी के विरोध में नप गए राव इंद्रजीत

तो क्या इस्राइली कंपनी के विरोध में नप गए राव इंद्रजीत

केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया विस्तार और कई मंत्रियों के विभाग बदले जाने को लेकर धीरे-धीरे अब अंदरूनी सूचनाएं सामने आ रही हैं। ताजा मामला रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत का है।
दो लाख से अधिक के नकद भुगतान पर ही होगी स्रोत पर कर कटौती

दो लाख से अधिक के नकद भुगतान पर ही होगी स्रोत पर कर कटौती

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्पष्ट किया है कि वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद मामले में नकद भुगतान दो लाख रुपये से अधिक होने पर ही स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) लागू होगी।
चर्चाः ‌हथियारों के दलालों को कानूनी मान्यता | आलोक मेहता

चर्चाः ‌हथियारों के दलालों को कानूनी मान्यता | आलोक मेहता

हथियारों की दलाली को लेकर लगभग 30 वर्षों तक राजनीति करने वालों ने आखिरकार दिमाग ही नहीं बदला, नियम-कानून भी बदल दिये। राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने हथियारों से सौदों में किसी भी तरह के दलाल और दलाली पर प्रतिबंधात्मक कड़ा कानून बना दिया था और दुनिया के देशों को कहा गया कि रक्षा संबंधी समझौते और खरीदी सीधे सरकारों के माध्यम से ही होगी।
सभी ऑनलाइन खरीद पर लगेगा जीएसटीः मॉडल कानून

सभी ऑनलाइन खरीद पर लगेगा जीएसटीः मॉडल कानून

ऑनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है। स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेन-देन किया जाएगा।
विमान किरायों की सीमा तय करने से टिकट का न्यूनतम मूल्य बढ़ेगा : राजू

विमान किरायों की सीमा तय करने से टिकट का न्यूनतम मूल्य बढ़ेगा : राजू

विमान किरायों की अधिकतम सीमा तय करना ज्यादातर यात्रियों के लिए घाटे का सौदा हो सकता है। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर एयरलाइंस न्यूनतम किरायों में बढ़ोतरी कर सकती है। इससे पहले राजू ने कुछ दिन पहले विमान किरायों की सीमा तय करने से इनकार करते हुए कहा था कि विमानन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा से इस समस्या का हल हो जाएगा।
अब हम ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें बेच सकेंगे और ड्रोन खरीद सकेंगे

अब हम ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें बेच सकेंगे और ड्रोन खरीद सकेंगे

दुनिया की प्रमुख मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में भारत के शामिल होने के बाद अब हम अपनी ब्रह्मोस जैसी उच्च तकनीकी मिसाइलें मित्र देशों को बेंच सकेंगे। साथ ही अमेरिका से ड्रोन विमान खरीद सकेंगे। एमटीसीआर के सदस्यों ने भारत को समूह में शामिल करने पर सहमति जताई। 34 सदस्‍य देशों में से किसी ने भारत का विरोध नहींं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के संदर्भ में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।