सॉफ्टवेयर और लोहा से नमक तक बनाने वाले देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा की धारक कंपनी टाटा संस ने समूह की एक कंपनी टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन चंद्रशेखरन को अपना नया कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की है। चंद्रशेखरन को इस पद के सर्वाधिक उपयुक्त बताया जा रहा था और आखिरकार उन्हें मेहनत का फल मिला है। खासबात यह है कि चंद्रशेखरन टाटा संस के पहले गैर पारसी चेयरमैन होंगे।
टाटा संस के चेयरमैन के पद से सायरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद समूह उनके उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा है। इसी क्रम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के पूर्व वाइस चेयरमैन एस. रामादुरई का नाम टाटा संस के चेयरमैन पद के लिए में सामने आया है।
संसद का वीडियो बनाकर विवादों में आए भगंवत मान ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर कहा है कि उनके मामले की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई है उसका दायरा बढ़ाया जाए और उसमें प्रधानमंत्री को भी शामिल किया जाए। गौरतलब है कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान की तरफ से संसद की सुरक्षा का वीडियो बनाए जाने के मामले की जांच के लिए नौ सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। कमेटी को तीन अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देनी है,जिसे सदन में रखा जाएगा। तब तक मान को संसदीय कार्यवाही में शामिल न होने की सलाह दी गई है।
रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप सम्मिट में देश दुनिया के धनकुबेरों का दो दिवसीय मिलन जयपुर में हुआ। राजस्थान सरकार द्वारा पूंजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से किए गए इस आयोजन में 300 निवेश करार हुए जिनसे 4 लाख करोड़ का निवेश राज्य में आने की संभावना बनती दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि इससे ढाई लाख लोगों को रोजगार मिलने का भी दावा किया जा रहा है। अनुमान है कि रिसर्जेंट राजस्थान के इस आयोजन पर राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये खर्च किया है। यह खर्च है कोई निवेश नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का यह पैसा सिर्फ मेहमान नवाजी पर ही खर्च हो गया है। जयपुर की जनता को दो तीन दिन जो असुविधाएं झेलनी पड़ी वह तो अलग ही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जिस मुख्यमंत्री को अपने राज्य की जनता से मिलने तक कि फुर्सत नहीं होती है, कभी-कभार ही सभाओं में उनके दर्शन हो पाते हैं, वह पूंजीपतियों के मध्य कितनी आसानी से उपलब्ध हैं। यह अवसर राजस्थान के उन मतदाताओं को क्यों नहीं मिल पाता है जिन्होंने वोट दे कर प्रचंड बहुमत से उनकी सरकार चुनी है।