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Search Result : "सिंधु नदी जल संधि"

बिहार में बाढ़ के हालात को लेकर नीतीश ने मोदी से मुलाकात की

बिहार में बाढ़ के हालात को लेकर नीतीश ने मोदी से मुलाकात की

बिहार में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब हो गई है। गंगा नदी अभी भी अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। तीन दिनों में बिहार में बाढ़ के चलते 19 लोगों की मौत हो गई है। सोमवार की तुलना में गंगा के जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गई है, लेकिन सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण लोगों में बेचैनी है। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रधानमंत्री आवास जाकर मुलाकात की।
‘सिंधु का फोन लौटा दूंगा, अब उसे आईसक्रीम का भी आनंद लेने दो’

‘सिंधु का फोन लौटा दूंगा, अब उसे आईसक्रीम का भी आनंद लेने दो’

जब बात अनुशासन की आती है तो भारत के दिग्गज बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद कोई समझौता नहीं करते और यही वजह रही कि उन्होंने पिछले तीन महीने से पी.वी. सिंधु को फोन से दूर रखा और रियो पहुंचने पर इस रजत पदक विजेता शटलर को आईसक्रीम भी नहीं खाने दी।
रजत पदक से खुश हूं, अपना सब कुछ झोंक दिया : सिंधु

रजत पदक से खुश हूं, अपना सब कुछ झोंक दिया : सिंधु

पीवी सिंधु बैडमिंटन में महिलाओं की एकल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि देश को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया था।
जिनके सब हैं फैन वो रजनी बोले, सिंधु मैं आपका फैन

जिनके सब हैं फैन वो रजनी बोले, सिंधु मैं आपका फैन

रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को देश का गौरव बताते हुए अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, सलमान खान और एआर रहमान सहित कई बॉलीवुड अभिनेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
सिंधु के ‘द्रोणाचार्य’

सिंधु के ‘द्रोणाचार्य’

कहा जाता है कि गुरु को मुक्ति तब मिलती है, जब शिष्य उससे बड़ा हो जाए। गोपीचंद ने इसे अपनी जिंदगी में अपनाया है। ओलंपिक के लिहाज से देखा जाए, तो आज उनके शिष्य बड़े मुकाम पर खड़े हैं। गोपी से भी ऊंचे मुकाम पर। फर्क बस यह है कि गोपी का कद भी उसके साथ बढ़ता जा रहा है। जीवन में जो सीखा, उसे संसार को वापस करना क्या होता है, इसे गोपी से समझा जा सकता है।
आेलंपिक : फाइनल में पीवी सिंधु हारी, रजत पदक से करना पड़ेगा संतोष

आेलंपिक : फाइनल में पीवी सिंधु हारी, रजत पदक से करना पड़ेगा संतोष

रियो ओलंंपिक में शुक्रवार का दिन भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर बनकर नहीं आया। देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई। वह स्‍पेन की विश्‍व नंबर वन कैरोलिना मारिन की चुनौती नहीं ध्‍वस्‍त कर पाईं। फाइनल में उन्‍हें मारिन ने तीन गेम तक चले मुकाबले में 21-19, 12-21, 15-21 से हरा कर भारत की उम्‍मीदों को तोड़ दिया। इस तरह पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीत देश को रजत सम्‍मान दिलाया।
अदानी-अंबानी केे लिए सरदार सरोवर का जलस्‍तर बढ़ाया, नर्मदा 'वेश्‍या' हो गई : मेधा

अदानी-अंबानी केे लिए सरदार सरोवर का जलस्‍तर बढ़ाया, नर्मदा 'वेश्‍या' हो गई : मेधा

नर्मदा बचाओ आंदोलन की मुख्‍य कर्ता पर्यावरणविद मेधा पाटकर ने कहा है कि गुजरात में अदानी व अंबानी की कंपनियों को पानी देने के लिए सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़ाया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों को इस बात की चिंता नहीं है कि इससे कितने गांव और परिवार डूबने वाले हैं। नर्मदा नदी के दोहन पर भी उन्‍होंने एक बड़ा बयान दिया है। मेधा ने कहा हैै कि कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नर्मदा नदी को वेश्‍या बना दिया गया है।
अति‍रि‍क्त जल’’ की परि‍भाषा को अंति‍म रूप जल्द- उमा भारती

अति‍रि‍क्त जल’’ की परि‍भाषा को अंति‍म रूप जल्द- उमा भारती

केंद्रीय जल संसाधन नदी वि‍कास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि नदि‍यों के ‘’अति‍रि‍क्त जल’’ की परिभाषा को जल्द अंतिम रूप दिया जाना जरूरी है। इसके लिए उन्होने कहा कि सभी राज्यों की सहमति के बाद ही यह फैसला होगा। उन्होंने कहा, ‘जब तक यह नहीं हो जाता तब तक बार-बार नदि‍यों के अति‍रि‍क्ति जल का मुद्दा उठता ही रहेगा।’
गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश पर फिर हो सकती है एनएसजी की बैठक

गैर-एनपीटी देशों के प्रवेश पर फिर हो सकती है एनएसजी की बैठक

भारत सहित परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की सदस्यता पर चर्चा के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की एक बार फिर बैठक हो सकती है। इस बीच, भारत ने रविवार को चीन को स्पष्ट कर दिया कि द्विपक्षीय संबंधों में आगे बढ़ने के लिए भारत के हितों का ख्याल रखना जरूरी है।
राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रिवर और सिवरेज सिस्टम अलग नहीं होने के कारण देश की नदियां मैला ढोने वाली मालगाड़ियां बन गई हैं। देश में 2 लाख 65 हजार गांवों मेंं पीने लायक पानी नहीं होना चिंता का विषय है। उन्‍होंने कहा कि जल तंत्र को बेहतर करने के लिए सघन प्रयास करने होंगे।
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