हरियाणा में जाट आरक्षण के आंदोलन के कारण दिल्ली में बढ़ते जल संकट पर सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल सरकार की दलील पर हालांकि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस तो जारी कर दिया लेकिन साथ ही दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केजरीवाल सरकार से कहा कि आप चाहते हैं कि हम आपके लिए आदेश जारी करें और आप एसी कमरे में बैठकर आराम फरमाते रहें।
उच्चतम न्यायालय ने अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी नेता कलीखो पुल के नेतृत्व में सरकार के अवैध शपथ ग्रहण के खिलाफ पार्टी की एक याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि यदि राज्यपाल के कार्य असंवैधानिक पाए जाते हैं तो अदालत इस फैसले को पलट सकती है।
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ओर से जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है। न्यायालय इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। वहीं इस बीच प्रकरण में यह बात निकलकर सामने आई है कि कन्हैया पर देशद्रोह का मामला एक टीवी चैनल पर प्रसारित एक विडियो क्लिप के आधार पर दर्ज किया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने अरूणाचल प्रदेश में सरकार गठन का रास्ता आज लगभग साफ कर दिया जब उसने यथास्थिति बरकरार रखने के अपने पूर्व के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायालय ने यह आदेश गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश से संतुष्ट रहने के बाद दिया जिसमें कांग्रेस के 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के आदेश पर रोक लगा दी गई थी।
जेएनयू राष्ट्रविरोधी नारेबाजी मामले में आरोपी जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की सोमवार को कोर्ट में हुई पेशी के दौरान कुछ वकीलों और अन्य द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों के साथ ही पत्रकारों पिटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बुधवार को अंतरिम आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और कोर्ट प्रशासन को कन्हैया की पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने को कहा है। साथ ही अदालत ने पेशी के दौरान कोर्ट रुम में वकीलों, पत्रकारों और अन्य के प्रवेश को भी सीमित कर दिया है।
जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के लिए देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कन्हैया कुमार पर आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान हमला हुआ। बताया जा रहा है कि यह हमला वकीलों के एक समूह ने तब किया जब वहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। कुछ वकीलों द्वारा इस घटना की सूचना सुप्रीम कोर्ट को दिए जाने पर उच्चतम न्यायालय ने वकीलों के एक दल को पटियाला हाउस कोर्ट के हालात का जायजा लेने भेजा।