उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
दिल्ली के संवैधानिक संकट के मसले पर आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलेंगे। अगर आज भी यह मामला नहीं सुलझा तो दिल्ली का संवैधनिक संकट और गहरा जाएगा। उधर दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर अफसरों की मनमानी और केंद्र सरकार का दखल ऐसा ही रहा तो सरकार विशेषज्ञों की राय से सरकार चला सकती है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपनी ताकत दिखाना चाह रहे हैं तो उपराज्यपाल अपनी। इस जोर-आजमाइश के खेल में अधिकारियों को मोहरा बनाया जा रहा है। दोनों ही तरफ से आदेश जारी किए जा रहे हैं। जिससे लेकर दिल्ली में संवैधानिक संकट खड़ा होता दिख रहा है। दिल्ली सरकार ने संविधान विशेषज्ञों से भी राय लेनी शुरू कर दी है।
दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच जंग तेज हो गई है। सोमवार को इस टकराव ने और भी गंभीर रूप ले लिया। आम आदमी पार्टी की सरकार ने कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गामलिन की नियुक्ति का आदेश जारी करने वाले अफसर अनिंदो मजूमदार के कार्यालय पर ताला जड़ दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल की ओर से नियुक्त कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों के लिए लॉबिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल का कहना है कि वह 10 दिन तक गैमलिन के कामकाज पर नजर रखेंगे और कोई गलत काम नहीं होने देंगे।
दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान में अपनी सर्वोच्चता साबित करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच का टकराव बढ़ता ही जा रहा है। टकराव के ताजा घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन से कहा है कि वह कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार नहीं संभालें।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तीन अन्य आप नेता यहां पिछले साल एक आंदोलन के दौरान निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और जनसेवकों को उनकी जिम्मेदारी निभाने से रोकने के मामले में शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश हुए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के उस सर्कुलर पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसमें अधिकारियों को मुख्यमंत्री या सरकार के खिलाफ खबरों की शिकायत के लिए निर्देश दिए गए थे।
आम आदमी पार्टी हरियाणा से कार्यकारिणी के सात सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। इन्होंने नरेश बालियान को प्रदेश प्रभारी बनाने के विरोध में इस्तीफा दिया। हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी में कलह चरम तक पहुंच गया है। पार्टी की तरफ से हरियाणा इकाई को भंग करने के संकेत दिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पार्टी की दिल्ली के बाद हरियाणा में खासी पैठ है। इसकी वजह यह है कि पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री दोनों ही हरियाणा से हैं। हरियाणा में ही पार्टी के सबसे अधिक कार्यकर्ता भी हैं इसलिए इस राज्य को दोनों गुट अपने कब्जे में रखना चाहते हैं।