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देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्यों में सूखे की स्थिति, कृषि योग्य भूमि में लगातार कमी

देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।
वर्ष 2015-16 के लिए सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने भरा आईटीआर

वर्ष 2015-16 के लिए सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने भरा आईटीआर

बीते वित्त वर्ष में महज 10 लाख ईमानदार लोगों ने आयकर रिटर्न भरते हुए घोषित किया कि उनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से अधिक है। सरकार द्वारा जारी आंकडों से यह भी खुलासा हुआ है कि वर्ष 2015-2016 के दौरान सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने ही आयकर रिटर्न भरा।
राहत: इस वर्ष खूब बरसेंगे बदरा

राहत: इस वर्ष खूब बरसेंगे बदरा

लगातार दो वर्ष के सूखे के बाद इस वर्ष मानसून के सामान्य से बेहतर होने और देश भर में समान बारिश होने की भारत मौसम विज्ञान विभाग की सूचना किसानों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। विभाग ने आज इस वर्ष के पूर्वानुमानों की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून के लिहाज से यह साल अच्छा रहेगा।
माल्या इस वर्ष 4000 करोड़ रुपये चुकाने को तैयार

माल्या इस वर्ष 4000 करोड़ रुपये चुकाने को तैयार

ऋणदाता बैंकों के दबाव और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई की वजह से देश छोड़कर गए शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि वह इस वर्ष बैंकों को 4000 करोड़ रुपये तक का भुगतान कर देंगे।
चर्चाः खजाने की उदारता और कंजूसी | आलोक मेहता

चर्चाः खजाने की उदारता और कंजूसी | आलोक मेहता

सरकारी खजाने से कल्याण की उम्मीद सदा रहती है। सत्ताधारी कांग्रेस हो अथवा भाजपा या आम आदमी पार्टी, हर वर्ष बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री जन-हित और सुविधाओं के लिए विभिन्न मदों में उदारतापूर्वक करोड़ों रुपयों का प्रावधान कर देते हैं। लेकिन साल के अंत में बही-खाता खोलने पर पता चलता है कि कई विभागों के लिए रखी गई धनराशि का बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं हुआ।
चर्चाः इतना डिजिटल न हो जाओ कि पास जाना हो मुश्किल

चर्चाः इतना डिजिटल न हो जाओ कि पास जाना हो मुश्किल

राजीव गांधी की कंप्यूटर क्रांति या नरेन्द्र मोदी-राहुल गांधी की डिजिटल क्रांति से दिख रही प्रगति को सलाम ही किया जाएगा। हां, राजीव युग में बदलाव के साथ नए-पुराने लोगों और टेक्नोलॉजी का समन्वय था। मोदीजी की डिजिटल क्रांति में सब कुछ बदला हुआ दिखना जरूरी है।
जल मंथन का आयोजन प्रति वर्ष किया जाएगा

जल मंथन का आयोजन प्रति वर्ष किया जाएगा

केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने नई दिल्ली में आयोजित जल मंथन-2 के समापन समारोह के दौरान घोषणा की, कि जल मंथन सम्मेलन का आयोजन अब प्रतिवर्ष किया जाएगा। सुश्री भारती ने इस बात की भी घोषणा की, कि उनका मंत्रालय कुछ ऐसे मुद्दे जो जल मंथन-2 में शामिल नहीं हो पाए हैं, उन्हें अप्रैल में होने वाले जल सप्ताह में शामिल किया जाएगा।
बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

बजट में लोकलुभावन नीतियों की बजाय सुधारों पर जोर देंगे जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आगामी वित्त वर्ष में त्वरित वृद्धि के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखने का संकल्प लेते हुए आज कहा कि भारत में 8-9 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है तथा उंची वृद्धि दर से ही गरीबी मिट सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि आगामी बजट में लोकलुभावन नीतियों के बजाय ढांचागत सुधारों पर ध्यान दिया जाएगा।
सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

पठानकोट आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में भाजपा पर अपने वार तेज करते हुए उसके सहयोगी दल शिवसेना ने आज पार्टी से पूछा है कि भारी जनादेश लेकर सत्ता में आने के बाद उसने पाकिस्तान नीति और राम मंदिर समेत विभिन्न मुद्दों पर क्या बदलाव किए हैं? इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस शासन की गलतियों को दोहरा रही है।
पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

पढ़ाई के लिए ब्रिटेन जाना प्रतिभा पलायन नहीं: ब्रिटिश मंत्री

यूरोप जहां प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन के विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने ब्रिटेन में अध्ययन और कार्य करने के लिए भारतीयों का स्वागत किया है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्ष 2016 को ब्रिटेन-भारत वर्ष घोषित करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश मंत्री जॉन्सन ने पल्लव बाग्ला को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना ब्रेन गेन (प्रतिभा विकास) है न कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन)।
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