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नक्सलियों पर एक सप्ताह में 16 ग्रामीणों की हत्या का आरोप

नक्सलियों पर एक सप्ताह में 16 ग्रामीणों की हत्या का आरोप

बस्तर के अबूझमाड़ में 16 ग्रामीणों की कथित हत्या की खबरों से एक बार फिर देश और दुनिया के मीडिया की निगाहें बस्तर के नक्सलवाद पर टिक गई हैं। दरअसल इस खबर के जन्मदाता बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बौखला गए हैं और निर्दोष ग्रामीणो को मार रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में 70 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ में 70 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में 15 महिलाओं सहित 70 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के अनुसार माओवादी आंदोलन और हिंसा से निराश होकर इन लोगों ने अपने हथियार डालने का फैसला किया।
रहाणे के बाद जडेजा के शिकंजे में दक्षिण अफ्रीका, 121 पर ढेर ‌

रहाणे के बाद जडेजा के शिकंजे में दक्षिण अफ्रीका, 121 पर ढेर ‌

अजिंक्य रहाणे के शतक की बदौलत 334 रन का मजबूत स्कोर खड़ा करने के बाद भारत ने रविंद्र जडेजा की फिरकी के जादू से दक्षिण अफ्रीका को 121 रन पर ढेर करके चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन आज यहां मैच पर अपना शिकंजा कस दिया।
मुठभेड़ में मारी गईं 4 महिला नक्सली, प्रमुख नक्‍सली फरार

मुठभेड़ में मारी गईं 4 महिला नक्सली, प्रमुख नक्‍सली फरार

छत्‍तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों ने बड़ी कार्रवाई कर चार महिला नक्सलियों को मार दिया। घटनास्थल से हथियार भी बरामद किए हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में पिछले एक माह में पुलिस दल ने लगभग 14 नक्सलियों को मार गिराया है।
वर्दी और बंदूक के लिए बनते हैं नक्सली: अध्ययन

वर्दी और बंदूक के लिए बनते हैं नक्सली: अध्ययन

नक्सल प्रभावित राज्यों में हुए एक अध्ययन के मुताबिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के नवयुवक सैनिकों की तरह पोशाक और हथियार के मोहवश नक्सल आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित शासकीय विज्ञान महाविद्यालय के रक्षा विज्ञान विभाग के प्रमुख गिरीश कांत पांडेय के नेतृत्व में शोधार्थियों का एक दल शोध कर रहा है और यह जानने का प्रयास कर रहा है कि युवा वर्ग नक्सली आंदोलन के प्रति क्यों आकर्षित हो रहे हैं।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
झाबुआ विस्फोट तो ट्रेलर था, बारूद के ढेर पर और इलाके

झाबुआ विस्फोट तो ट्रेलर था, बारूद के ढेर पर और इलाके

मध्य प्रदेश के झाबुआ में शनिवार को हुआ विस्फोट मात्र ट्रेलर कहा जा सकता है। जहां-जहां खनन का काम है वे इलाके प्रशासन की नाक तले ऐसी विस्फोटक सामग्री से अटे पड़े हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं।
सोनी सोरी को समर्थन से छत्तीसगढ़ सरकार के माथे चिंता

सोनी सोरी को समर्थन से छत्तीसगढ़ सरकार के माथे चिंता

छत्तीसगढ़ के नक्सली इलाके बस्तर में पुलिस और सरकार के लिए खौफ बन गई हैं सोनी सोरी। गुप्तांगों में पत्थर डालने से लेकर पति की हत्या तक का प्रताड़ना भरा मंजर देखा है सोनी ने। अब उसने कमर कस ली है कि घने जंगलों में बसे गांवों के हर उस ग्रामीण की आवाज बनना है जिसपर खाकी का कहर बरपा है। बाल बनाते हुए वह कहती है, ‘थक गई हूं, अदालतों में। सरकारी जवाब होता है कि मैं झूठ बोलती हूं अब मैं जनता की अदालत में न्याय मांगूगी। यहां एक नहीं, मेरी जैसी हजार सोनी सोरी हैं। मैं हर किसी की आवाज बनूंगी, कितने लोगों को सरकार कहेगी कि हम झूठ बोलते हैं। ’ सोनी सोरी के अनुसार उसके पति को मार दिया गया, उसका घर तोड़ दिया, वह भी दूसरी औरतों की तरह पति के साथ घर संसार बसाना चाहती थी लेकिन उसे सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया गया।
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