Advertisement

Search Result : "1984 सिख दंगे"

आजम खान बोले : कोई मुद्दा मिल नहीं रहा, दंगे कराकर वोट बटोरने की सोच रही भाजपा

आजम खान बोले : कोई मुद्दा मिल नहीं रहा, दंगे कराकर वोट बटोरने की सोच रही भाजपा

उत्‍तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आज़म खान ने भाजपा पर एक बड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने प्रदेश के स्याना में एक समारोह में से इतर पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा पूरे देश का माहौल खराब कर रही है। यूपी में चुनाव के लिए भाजपा को कोई मुद्दा मिल नहीं रहा है। लिहाजा वह यूपी में दंगे कराने की फिराक में है।
कनाडा में पगड़ी का इस्तेमाल कर सिख ने बचाई डूबती बच्ची की जान

कनाडा में पगड़ी का इस्तेमाल कर सिख ने बचाई डूबती बच्ची की जान

कनाडा में एक सिख व्यक्ति को एक नायक की तरह सराहा जा रहा है क्योंकि उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए अपनी पगड़ी की मदद से नदी में डूब रही लड़की को बाहर निकाल लिया।
मायावती का वार, चुनाव से पहले भाजपा-सपा सांप्रदायिक दंगे का रच रहे षड्यंत्र

मायावती का वार, चुनाव से पहले भाजपा-सपा सांप्रदायिक दंगे का रच रहे षड्यंत्र

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराए जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कांग्रेस ने रविवार को पंजाब में कमलनाथ की जगह पार्टी सचिव आशा कुमारी को एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया लेकिन जमीन कब्जाने के एक मामले में उनके दोषी होने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे पहले कमलनाथ ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों में कथित भूमिका को लेकर भाजपा, अकाली दल और आप के विरोध के बाद पिछले दिनों यह जिम्मेदारी छोड़ दी थी।
महाराष्‍ट्र में यहूदियों को मिला अल्‍पसंख्‍यक दर्जा, होंगे कई फायदे

महाराष्‍ट्र में यहूदियों को मिला अल्‍पसंख्‍यक दर्जा, होंगे कई फायदे

महाराष्‍ट्र राज्य मंत्रिमंडल ने यहूदी धर्म को अल्‍पसंख्‍यक का दर्जा दे दिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में किया गया। इस फैसले से राज्‍य में रह रहे इन समुदायों के छात्रों को राज्य सरकार से छात्रवृत्ति हासिल करने और अपना शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने में मदद मिलेगी।
तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद्द

तीस्ता सीतलवाड के एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद्द

केंद्र सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठन सबरंग ट्रस्ट का रजिस्टेशन रद्द कर दिया है।
गुलबर्ग सोसायटी कांड में 11 दोषी मृत्युपर्यंत जेल में रहेंगे

गुलबर्ग सोसायटी कांड में 11 दोषी मृत्युपर्यंत जेल में रहेंगे

वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी समेत 69 लोगों को मौत के घाट उतारने के आरोप में एसआईटी की विशेष अदालत ने 11 दोषियों को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

विशेष एसआईटी अदालत ने सोमवार को कहा कि वह गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले के 24 दोषियों को सजा शुक्रवार 17 जून को सुनाएगी। गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसन जाफरी सहित 69 व्यक्ति मारे गए थे।
बाबरी ध्वंस, गुजरात दंगों के कारण अलकायदा से जुड़ रहे युवाः दिल्ली पुलिस

बाबरी ध्वंस, गुजरात दंगों के कारण अलकायदा से जुड़ रहे युवाः दिल्ली पुलिस

पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत में कहा है कि वर्ष 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस और वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के कारण भारतीय युवकों का झुकाव अलकायदा की ओर हुआ और ये युवा आतंकी संगठन अलकायदा का भारतीय उपमहाद्वीप में आधार (एक्यूआईएस) बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जब जार्ज फर्नांडिस बन गए खुशवंत सिंह

जब जार्ज फर्नांडिस बन गए खुशवंत सिंह

आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज फर्नांडिस को पगड़ी पहन और दाढ़ी रख कर सिख का भेष धारण करना पड़ा था जबकि गिरफ्तारी के बाद वह तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाते थे। फर्नांडिस के साथ जेल में रहे 76 साल के विजय नारायण ने पुरानी यादें ताजा करते हुए पीटीआई-भाषा को बताया, पुलिस हमें ढूंढ रही थी। हम न सिर्फ छिप रहे थे, बल्कि अपना काम भी कर रहे थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए जार्ज ने पगड़ी और दाढ़ी के साथ एक सिख का भेष धारण किया था। उन्होंने बाल बढ़ा लिए थे। वह मशहूर लेखक के नाम पर खुद को खुशवंत सिंह कहा करते थे।
Advertisement
Advertisement
Advertisement