बिहार विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जीएसटी संबंधी विधेयक के फायदे और अपने रुख को रेखांकित किए जाने के बाद सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।
राज्यसभा में बुधवार को बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक के पारित हो जाने से देश में नई परोक्ष कर प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हो गया।
केंद्र सरकार बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पेश कर सकती है। इस के मद्देनजर भाजपा ने एक व्हिप जारी कर अपने सदस्यों को अगले तीन दिन सदन में उपस्थित रहने को कहा है। पार्टी को उम्मीद है कि इस दौरान यह विधेयक पारित करा लिया जाएगा।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जल्दी पारित करने का आज आह्वान करते हुए कहा कि इससे राज्यों को सेवा कर में भी हिस्सेदारी मिल सकेगी।
संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के दौरान केंद्र की मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिलती नजर आ रही है। विपक्षी दलों की ओर से भी बिल पर समर्थन के सकारात्मक संकेत सामने आए हैं। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस ‘जन समर्थक, विकास समर्थक’ किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी।
जीएसटी विधेयक पर गतिरोध को खत्म करने के प्रयास के तहत केंद्रीय मंत्रियों अरूण जेटली और अनंत कुमार ने शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात की।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और अटॉर्नी जनरल लॉरेटा लिंच के बीच हुई मुलाकात से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। दरअसल लॉरेटा पूर्व विदेश मंत्री एवं क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन के ईमेल मामले की जांच कर ही हैं।
कांग्रेस ने संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किए गए 21 आप विधायकों की सदस्यता खत्म करने के साथ ही नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी इस्तीफा मांगा है।
पूंजी बाजार नियामक सेबी की स्टार्ट-अप सूचीबद्धता प्लेटफार्म को अधिक आकर्षक बनाने के लिये अगले महीने तक नियमों में ढील देने की योजना है। इसका मकसद इस क्षेत्र को कोष जुटाने के लिए उपयोगी बनाने में मदद करना है। साथ ही उनके विदेशी निवेशकों सहित मौजूदा निवेशकों को आसानी से बाहर निकलने का मौका उपलब्ध कराना है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।