Advertisement

Search Result : "Anoop Chandra Pandey"

हरियाणा : सुभाष चंद्रा की कंपनी का जुर्माना माफ किए जाने से अभिमन्यु नाराज

हरियाणा : सुभाष चंद्रा की कंपनी का जुर्माना माफ किए जाने से अभिमन्यु नाराज

कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे को लेकर कैबिनेट मीटिंग में बवाल हुआ। सांसद सुभाष चंद्रा की कंपनी पर लगने वाला जुर्माना माफ किए जाने का वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विरोध किया। इसके बाद कैप्टन अभिमन्यु बीच में ही कैबिनेट मीटिंग छोड़कर चले गए। इस बीच, सरकार ने सांसद सुभाष चंद्रा की कंपनी एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट को 6 महीने का एक्सटेंशन देने का फैसला कर लिया है। लेकिन प्रोजेक्ट में हुई देरी के लिए कंपनी को 10 के बजाय 20 लाख रुपए प्रति सप्ताह और 9.25 प्रतिशत के बजाय 11 प्रतिशत की दर से ब्याज भी चुकाना होगा।
नेताजी सुभाष पर खुले अंतिम दस्तावेज। आलोक मेहता

नेताजी सुभाष पर खुले अंतिम दस्तावेज। आलोक मेहता

आखिरकार नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विमान दुर्घटना में दुखद मृत्यु के संबंध में जापान सरकार के प्रामाणिक दस्तावेज सामने आ गए। पिछले 70 वर्षों से इस मुद्दे पर विरोधाभास वाली सूचनाएं एवं टिप्पणियां आती रहीं। राजनीतिक दलों ने भी इस विवाद को गरमाया।
कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

कहानियों की किताब जिसमें हर कहानी है 140 अक्षरों से कम की

जब लेखक और इलस्ट्रेटर मनोज पांडे ने सलमान रश्दी, मार्गरेट एटवुड और तेजू कोले जैसे अपने पसंदीदा लेखकों को उनकी प्रतिक्रिया पाने की आशा में अपने ट्वीट में टैग करना शुरू किया तब वे नहीं जानते थे कि उनकी प्रतिक्रिया भी अपने आप में लघु कहानियां ही होंगी।
छुपा ‘रुस्तम’ अक्षय

छुपा ‘रुस्तम’ अक्षय

रुस्तम देखते हुए कई बातें दिमाग में एक साथ चलती हैं। सन 1959 में नानावटी केस पर बनी इस फिल्म को देखते हुए लगता है कि संपादन नीरज पांडे की फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत है। शायद यही वजह है कि रुस्तम की धीमी कहानी भी पकड़ छूटने नहीं देती।
कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

कांग्रेस विधायकों ने नहीं माना आलाकमान का निर्देश, सुभाष चंद्रा जीते

हरियाणा से राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा जीत गए हैं। चंद्रा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यह चुनाव लड़ा था। चंद्रा की जीत में कांग्रेस विधायकों की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
‘हाउसफुल’ होना तो मुश्किल है

‘हाउसफुल’ होना तो मुश्किल है

अक्षय कुमार तो कई तरह की फिल्में करते रहते हैं। उनके लिए यह खतरा मोल लेना ठीक है कि वह हाउसफुल जैसी फिल्में कर लें लेकिन इस फिल्म के बाकी कलाकारों ने क्या सोच कर इस फिल्म में काम किया होगा यह तो वही जाने।
मदन कश्यप को केदार सम्मान

मदन कश्यप को केदार सम्मान

सन 2015 के लिए समकालीन हिन्दी कविता का चर्चित केदार सम्मान इस साल वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को दिया गया। प्रख्यात आलोचक प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने कहा, मदन कश्यप मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि हैं। मूलगामी दृष्टि वह है जो अपने समय के मनुष्य और समाज के भाव-कुभाव और स्वाभाव को जानती हो, दोनों के छल-छद्म, आतंक और क्रूरता को पहचानती हो और उन सबसे मुक्ति की राह बनाती हो।
बोटोक्स छोड़िए, पीआरपी से नाता जोड़िए

बोटोक्स छोड़िए, पीआरपी से नाता जोड़िए

बढ़ती उम्र के साथ त्वचा का रंग फीका और सख्त होने लगता है। त्वचा की कोमलता कम होने लगती है। इसकी वजह त्वचा में रक्त का प्रवाह कम होना है। मांसपेशियों और कोलेजन की कमी के कारण चेहरे का आकार बिगड़कर लटकने लगता है। परिणामस्वरूप त्वचा थकी और लटकी हुई दिखने लगती है और चेहरे का रंग भी फीका पड़ जाता है।
दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने पर केजरीवाल को कोर्ट ने किया तलब

दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने पर केजरीवाल को कोर्ट ने किया तलब

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस को ठुल्ला कहने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी के रूप में तलब किया है। मजिस्ट्रेट ने आदेश देते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या उन्होंने अपराध किया था।
'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

'मोदी, अशोक के बाद दूसरे बड़े शासक’ - प्रो. लोकेश चंद्र

प्रोफेसर लोकेश चंद्र शास्त्रीय यूनानी, लैटिन, चीनी, जापानी, पारसियों की अवेस्ता, पुरानी फारसी और सांस्कृतिक महत्व की अन्य भाषाओं के ज्ञाता हैं। वह संस्कृत, पालि और प्राकृत भाषा के विद्वान हैं। उनके नाम 596 कार्य और पाठ संस्करण हैं। उनमें से तिब्बती-संस्कृत शब्दकोश, तिब्बती साहित्य के इतिहास के लिए सामग्री, तिब्बत का बौद्ध प्रतिमा विज्ञान और 15 खंडों में बौद्ध कला का उनका शब्दकोश जैसी कालजयी कृतियां हैं। उन्होंने बुद्ध और शिव तथा भारत एवं जापान के बीच सांस्कृतिक संगम पर भी लिखा है। फिलहाल वह भारत और चीन के बीच पिछले दो हजार वर्षों के सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर लिख रहे हैं। लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय से सन 1947 में स्नातकोत्तर करने वाले प्रोफेसर चंद्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष हैं। साथ ही वह भारतीय संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय अकादमी, एशियाई संस्कृतियों के लिए एक प्रमुख अनुसंधान संस्था के मानद निदेशक हैं। वह सन 1974 से 1980 और 1980 से 1986 तक दो अवधियों में लिए राज्यसभा से संसद सदस्य भी रह चुके हैं। प्रोफेसर चंद्र ने आउटलुक की सहायक संपादक आकांक्षा पारे काशिव से देश और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं पर बात की।
Advertisement
Advertisement
Advertisement