संसद के मानसून सत्र के 12 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। इस सत्र में संसद के दोनों सदनों पर किसानों से संबंधित मसले छाए रह सकते हैं। संसद का मानसून सत्र हंगामा भरा हो सकता है।
जीएसटी को लागू करने की समय सीमा एक जुलाई बहुत दूर नहीं है। एक महीने से भी कम वक्त बचा है, जबकि अभी तक 7 राज्यों ने जीसटी को पारित ही नहीं किया है। इनमें से अधिकतर गैर भाजपा शासित राज्य हैं।
किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दलहन की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि बढ़ाने की घोषणा की है। अब एक सप्ताह और दलहन की सरकारी खरीद जारी रहेगी।
लोढा समिति ने बीसीसीआई के सामने सर्वोच्च परिषद के गठन और आम सालाना बैठक (एजीएम) आयोजित करने के लिए 15 दिसंबर की समयसीमा तय की है जबकि आईपीएल की नई संचालन परिषद गठित करने के लिए 30 दिसंबर की समयसीमा तय की गई है।
बिहार विधानसभा 16 अगस्त को जीएसटी बिल पास करेगी। इसके लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। हाल के दिनों में किसी बिल को पास कराने के लिए बिहार विधानसभा द्वारा बुलाया जाने वाला यह पहला एकदिवसीय विशेष सत्र होगा। पिछले सप्ताह राज्यसभा में जीएसटी बिल के पास होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को आश्वस्त किया था कि उनकी सरकार जल्द से जल्द इस बिल को राज्य में पारित करेगी।
आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाले अपने भाषण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से सुझाव मांगे हैं।
सिर पर मैला ढोने वालों को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसायसाय पुरस्कार विजेता बेजवाडा विल्सन ने रविवार को कहा कि इस जाति आधारित समस्या को दूर करने में सरकार के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति की बहुत कमी है तथा उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से इस काम में लगे लोगों को इससे छुुटकारा दिलाने और उनका पुनर्वास करने की समयसीमा की घोषणा करना चाहिए।
खुफिया एजेंसियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को आगाह किया है। एजेंसियों ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को सबसे अधिक खतरा है। विशेष सुरक्षा दस्ते ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि 15 अगस्त को आतंकी संगठन किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। ऐसे में सभी सुरक्षा एजेंसियों को सावधान रहने के साथ विशेष सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।