कल यानी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। पूरे भारत में योग दिवस को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इस बार दुबई में भी योग की धूम रही। इस आयोजन ने योग के बाद जो दूसरी बात समान है वह है बाबा रामदेव। देश से लेकर विदेश में तक वही दिखाई पड़ रहे हैं।
अक्सर विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण पर जबरदस्त हुंकार भर दी है। उन्हाेंने धमकी भरे लहजे में कहा कि राम मदिर का निर्माण करने से अब कौन रोकेगा, जब चाहें तब मंदिर का निर्माण कर लिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में से पहले पूरे भारत में ही कार्यक्रम हो रहे हैं। कई जगह योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में फरीदाबाद में बाबा रामदेव के सान्निध्य में योग शिविर लगाया गया है।
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आंध्रप्रदेश के तिरूपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर समेत छह देवालयों के नाम डी-मैट खाते खोले जायेंगे। इन खातों के खुलने के बाद भक्त अपने इष्ट को शेयर और प्रतिभूतियां भी दान कर सकेंगे जिससे मंदिरों की आय में इजाफा होगा।
पंचकूला में चल रहे तीन दिन के योग प्रशिक्षण शिविर के आखिरी दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी बाबा रामदेव के इशारों पर दाएं-बाएं घूमे। यानी उन्होंने भी योग की बारीकियां सीखीं। तीन दिन का प्रशिक्षण शिविर 21 जून को की पूर्व तैयारी है।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए कमर कस ली है। चंडीगढ़ में हुआ योग उत्सव उसी की कड़ी है। तैयारी के लिए बाबा रामदेव पहुंच चुके हैं। प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस मुक्त भारत होने में देर हो सकती है।
कंबोडिया सरकार के अंगकोर सलाहकार प्रो. सच्चिदानंद सहाय खमेर इतिहास में टूटी हुई कड़ियों को जोड़ना चाहते हैं। वह यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में इस बारे में एक व्याख्यान के सिलसिले में आए थे। उन्होंने कहा, दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया को विभिन्न महाद्वीपों में उसके प्राचीनतम अंगकोर मंदिरों के लिए जाना जाता है। वास्तुकला के मामले में यह मंदिर दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पल्लव और चोल मंदिरो के समान है लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक पहलू है।
दुबई खेल परिषद के साथ दुबई में भारतीय दूतावास योग दिवस मनाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय योग गुरु बाबा रामदेव होंगे जो दुबई के विश्व व्यापार केंद्र में होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
मीडिया में मथुरा हादसे के पीछे पुलिस की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है। खबरों के अनुसार पुलिस बिना पूर्व तैयारी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को अंजाम देने पहुंच गई थी और वह भी बिना हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ। पुलिस ने अगर यह लापरवाही की है तो उसे यह दोष दिया जा सकता है। लेकिन बेतुकी मांगों के साथ धरने की आड़ में 250 एकड़ की जमीन पर कब्जा करने वाले उन अतिक्रमणकारियों के साथ क्या सलूक होना चाहिए, जो कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां से हटने का नाम नहीं ले रहे थे।