कुछ ही महीनों में होने वोले बिहार विधानसभा के चुनावों की तैयारी में लगे नीतीश कुमार को पटना हाइकोर्ट ने झटका दे दिया है। पिछले 9 जून को शुरू हुआ बढ़ चला बिहार अभियान राज्य के आगामी चुनाव से पहले नीतीश कुमार की जनता तक पहुंच बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सोमवार को राजद द्वारा किए गए बिहार बंद के चलते पूरे बिहार में आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी पटना में इस बंद का खासा असर देखा गया। दुकानें, शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कराए जाने और कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिए जाने के कारण पूरे बिहार में आम जीवन प्रभावित रहा। पटना में लालू यादव बंद का नेत़त्व करते हुए पार्टी नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए।
जनता दल यूनाइटेड के बागी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी का गुणगान कर रहे हैं। तकनीकी कारणों से भाजपा में शामिल न हो पाने के कारण ये विधायक जदयू के साथ बने हुए हैं लेकिन भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुज्जफरपुर की रैली को सफल बनाने के लिए जदयू के बागी विधायकों ने पूरा जोर लगाया और यहां तक की रैली में भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शनिवार से बिहार को चुनावी मोड में लाने के लिए तैयार हैं। यूं तो उनके विरोधी जनता परिवार ने पहले ही पूरे राज्य में चुनावी सरगर्मी शुरू कर दी है मगर भारतीय जनता पार्टी इसके लिए अपने स्टार नरेंद्र मोदी की प्रतीक्षा कर रही थी और यह प्रतीक्षा कल खत्म हो जाएगी जब मोदी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार न सिर्फ बिहार जनसभा को संबोधित करेंगे बल्कि राज्य को केंद्र से कई सौगातों की घोषणा भी करेंगे।
बिहार चुनाव के लिए सूरत से तैयार की जा रही मोदी साड़ी को बड़ा घोटाला बताया है जनता दल यूनाइटेड ने। उसका कहना है कि यह 200 करोड़ रुपये से पड़ा घोटाला है। इस बाबत चुनाव आयोग तक जा सकती है पार्टी
लोकसभा चुनाव से पहले बड़े जोर-शोर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल किए गए साबिर अली को तब भले ही आतंकी कनेक्शन वाला बताकर पार्टी से बाहर कर दिया गया हो मगर अब बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें एक बार फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया है।
बिहार की मधेपुरा सीट से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल से चुनाव जीते थे लेकिन उनकी पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सुपौल संसदीय सीट से सांसद बनीं। अलग-अलग दलों से चुुनाव जीतने को लेकर उस समय तो सरगर्मी तेज रही लेकिन अब सियासी गलियारे में चर्चा तेज है कि आखिर इन पति-पत्नी की अब मंशा क्या है?
संप्रग एक की सरकार में लालू प्रसाद के साथ केंद्रीय मंत्री रहे और वर्ष 2009 का लोकसभा और 2010 का विधानसभा चुनाव उनके साथ मिलकर लड़ने वाले बिहार के वरिष्ठ दलित नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि लालू के साथ रहने के जमाने में भी कभी दोनों के दिल नहीं मिले।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए नया दांव चला है। भाजपा अब राज्य में पहली बार पार्टी द्वारा गठित ओबीसी मोर्चा की पहली राज्य स्तरीय कार्यकारिणी का गठन बिहार में करेगा।