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Search Result : "Conspiracy of railway accidents"

दूरदराज के 500 रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे वाईफाई बूथ

दूरदराज के 500 रेलवे स्टेशनों पर लगेंगे वाईफाई बूथ

दूरदराज के इलाकों में संपर्क मुहैया कराने के लक्ष्य के साथ रेलवे करीब 500 स्टेशनों पर वाईफाई हॉट स्पॉट बूथ स्थापित करेगी ताकि लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं समेत ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने में मदद मिल सके।
जल्‍द मिलेंगे एटीएम से अब रेलवे टिकट

जल्‍द मिलेंगे एटीएम से अब रेलवे टिकट

भारत में रेल यात्रा करना एक कठिनाई भरा सबब है। टिकटों की मारामारी, कालाबाजारी से रेलयात्रियों को काफी समय से जूझना पड़ रहा है। मीडिया की माने तो अब जल्दी ही आपको रेल टिकट के लिए स्टेशन के बुकिंग काउंटर पर लंबी कतारों में नहीं लगना होगा। साथ ही आपको टिकट के लिए एजेंटों को भी मनमाना पैसा देने की जरूरत नहीं है। रेलवे आपके लिए ऐसी योजना लेकर आया जिसके बाद आप आसानी से अपना टिकट ले सकते हैं जी हां जल्द ही आप एटीएम से अपना टिकट ले सकेंगे।
दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

दिल्ली से हावड़ा और मुंबई रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेन

गतिमान एक्सप्रेस की सफल शुरुआत के बाद रेलवे ने दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई रूटों पर यात्रा की अवधि कम करने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाते हुए इन रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की याजना बनाई है जिसकी अनुमानित लागत लगभग 10,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
रेलवे के 'अच्‍छे दिन', किराया बढ़ाने के बाद भी 6 माह में 4000 करोड़ का नुकसान

रेलवे के 'अच्‍छे दिन', किराया बढ़ाने के बाद भी 6 माह में 4000 करोड़ का नुकसान

केंद्र की मोदी सरकार और उसके सक्रिय रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेलवेे को फायदा नहीं पहुंचा पा रहे हैं। रेलवे को तरक्‍की पर लाना तो दूर की बात प्रभुु के कार्यकाल में रेलवे की वित्तीय हालत लगातार खराब हो रही है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालेंंगे तो आपको आश्‍चर्यजनक परिणाम मिलेंंगे। हाल ही में रेलवे में किराया भी बढ़ा है इसके बाद भी रेलवे को नुकसान हुआ है।
कायाकल्‍प की कवायद, रेलवे कर्मचारियों के सुझावों पर पीएम करेंगे विचार

कायाकल्‍प की कवायद, रेलवे कर्मचारियों के सुझावों पर पीएम करेंगे विचार

भारतीय रेलवे के कायाकल्प और उसके आधुनिकीकरण के लिए रेल कर्मचारियों ने एक लाख से ज्यादा सुझाव दिए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है जल्द ही सारे सुझाव पढ़े जाएंगे। रेलवे का कहना है कि इसके बाद थीम तय की जाएगी और जनरल मैनेजर लेवल पर टीमों का गठन होगा। बाद में हर टीम को थीम दी जाएगी। यह टीम स्टडी करके अपना पूरा आइडिया डिटेल में देगी।
रेलकर्मियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस

रेलकर्मियों को मिलेगा 78 दिन का बोनस

त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने आज रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह लगातार पांचवां साल है जबकि रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस मिलेगा और इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा इस बार 3500 रुपए से बढ़ा कर 7000 रुपए की गयी है जिससे रेलकर्मियों की बोनस राशि दो गुना होने की संभावना है।
राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा महंगी

राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा महंगी

रेलवे ने प्रीमियर ट्रेनों राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी में 9 सितंबर से नई किराया प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। रेलवे के अनुसार राजधानी, दुरंतो तथा शताब्दी ट्रेनों में अब आधार किराया नई किराया प्रणाली पर आधारित होगा।
ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडिशा: शव की हड्डियां तोड़कर ढोने के मामले में एएसआई निलंबित

ओडि़शा के बालेश्वर जिले में एक वृद्ध महिला के शव के साथ अमर्यादित व्यवहार कर अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन नहीं करने के मामले में राजकीय रेल पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया।
कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

कालाहांडी के बाद बालासोर, लाश की हड्डियां तोड़ गठरी बनाकर बांस के डंडे से ढोया

एंबूलेंस नहीं देने के बाद ओडिशा के कालाहांडी में पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक कंधे पर ढोने के मामले पर अभी भी बहस जारी है, इसी बीच इसी तरह का एक और प्रकरण सामने अाया है। राज्‍य के बालासोर में अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोड़ उसकी गठरी बनाकर बांस के डंडे और मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन तक पहुंचाया गया।
‘गुनहगार जेल में होता तो फैसला नरसिंह के पक्ष में आ सकता था’

‘गुनहगार जेल में होता तो फैसला नरसिंह के पक्ष में आ सकता था’

खेल पंचाट की समिति पूछ रही थी कि भारतीय कानून के तहत अभी तक दोषियों को सजा क्यों नहीं दी गई। यह सिर्फ गिरफ्तारी की बात नहीं थी बल्कि वे जानना चाहते थे कि क्या दोषी को किसी तरह की सजा मिली है। यदि आज गुनहगार जेल में होता तो फैसला हमारे पक्ष में आ सकता था।
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