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दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कल सुनवाई

दिल्‍ली संकट: सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कल सुनवाई

गृह मंत्रालय दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिसमें उपराज्‍यपाल को पूरी शक्तियां देने वाले केंद्र के नोटिफिकेशन को संदिग्ध बताया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इस बीच, दिल्‍ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को गृह मंत्रालय जाकर गृह सचिव एल सी गोयल से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस दौरान आगे की रणनीति और केंद्र की अधिसूचना के बचाव को लेकर चर्चा की गई। उधर, दिल्‍ली सरकार ने भी नौकरशाहों की नियुक्ति में उपराज्यपाल को पूर्ण अधिकार देने की केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर भी कल सुनवाई होगी।
न्यायिक नियुक्तियां - पारदर्शिता हो, आजादी भी

न्यायिक नियुक्तियां - पारदर्शिता हो, आजादी भी

संविधान का अनुच्छेद 124 मूल रूप से यह कहता है, 'सुप्रीम कोर्ट के हर जज की नियुक्ति राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के संबंधित जजों से सलाह-मशविरे से करेंगें जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से हमेशा सलाह ली जाएगी। जजों की नियुक्ति एवं तबादले में किसकी चलेगी इसे लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका में 1980 के दशक से ही जोर-आजमाइश चल रही है।
पचौरी की जमानत तत्काल रद्द नहीं होगी

पचौरी की जमानत तत्काल रद्द नहीं होगी

यौन उत्पीड़न के एक मामले में टेरी के महानिदेशक आर के पचौरी को निचली अदालत से मिली अग्रिम जमानत दिल्ली उच्च न्यायालय ने तत्काल रद्द करने से इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
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