उद्योग जगत ने भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के कदम का पूरा समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कड़ी कार्रवाई का समय है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि देश सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए तैयार नहीं है और सरकार इन बैंकों को मजबूत बनाने के काम को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। जेटली ने यह भी कहा कि आईडीबीआई बैंक को छोड़कर बाकी सरकारी बैंकों का सार्वजनिक स्वरूप बना रहेगा।
सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।
देश में कारोबार की परिस्थितियों में सुधार के साथ विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 13 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। कंपनियों के मैनेजरों के बीच कराए जाने वाले एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वे से यह बात सामने आयी है।
देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर की तिमाही में ऊंची रहेगी। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि निर्यात संभावनाओं तथा घरेलू मांग में सुधार से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर बेहतर रहेगी।
आेलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली धाविका दुती चंद दुती चंद ने कहा है कि उन्हें विमान के इकोनोमी क्लास में रियो तक की यात्रा के दौरान काफी परेशानी हुई।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: के लेखे और संग्रहण के प्रबंधन और नियंत्रण के लिये संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार के कार्यकाल में गठित कंपनी में निजी इकाइयाें की बहुलांश हिस्सेदारी को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। स्वामी ने इस बारे में प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि इस कंपनी को सरकार के स्वामित्व वाले ढांचे में बदला जाना चाहिये।
जीएसटी के जन्मदाता होने के कांग्रेस के दावे पर हास्य-विनोद के अंदाज में प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जन्म कोई दे, लालन पालन कोई करे। कृष्ण को जन्म किसी ने दिया, कृष्ण को बड़ा किसी ने किया। लोकसभा में जीएसटी पर संविधान :122 वां संशोधन: विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्राी ने कहा कि इस समय वह सभी रजनीतिक दलों, सभी राज्य सरकारो समेत सभी का धन्यवाद करने के लिए खड़े हुए हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2015-16 में औसत निवेश सूचकांक वित्त वर्ष 2006-07 के उच्चतम स्तर के मुकाबले लगभग 35 प्रतिशत नीचे रहा है। यह बात सिटीग्रुप की एक रपट में कही गई है।
भारत की पिछले 12 साल की औसतन 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार लाने में नाकाम रही है। यह बात जाने-माने विकास अर्थशास्त्राी ज्यां द्रेज ने रविवार को कही।