एक तरफ जहां लोग फादर्स डे मना रहे हैं वहीं भारतीय सेना के शहीद जवान लांस नायक बख्तावर सिंह कै पिता अपने बेटे को खोने का गम मना रहे हैं। शहीद के पिता ने कहा कि अगर सरकार में दम होता तो हम अपने बच्चे नहीं खोते। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार की आलसीपन की वजह से हो रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला कुछ और नहीं बल्कि सरकारी डॉक्टर्स की टीम का लालू के घर पर तैनात किया जाना है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस इटावा जिले के अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर अपने किशोर बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुए एक मजदूर का मामला सामने आने पर दिया है।
भारत के दो जवानों को मारने के बाद उनके शवों के साथ की गई बर्बरता से पूरा देश आक्रोशित है। सेना ने इसका बदला लेते हुए पाक की दो चौकियों और 10 सैनिकों को मार गिराया है। लेकिन पाक हमले में शहीद हुए बीएसएफ हेड कांस्टेबल प्रेम सागर की बेटी ने अपने पिता की शहादत के बदले सरकार से 50 पाक सैनिकों के सिर मांगे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने अपने बेटे को मुसलमानों से भेदभाव नहीं करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि बुर्का पहने मुस्लिम महिलाओं ने भी योगी को वोट दिया है इसलिए योगी को उनका ध्यान रखना चाहिए और उनको सभी धर्म के लोगों का दिल जीतना चाहिए।
मेरा बेटा 26 दुश्मनों को मारने के बाद शहीद हुआ था। जब यह घटना घटी उस वक्त केंद्र में सरकार भाजपा की थी। उस दौरान हमसे कई तरह के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं हुए और आज जब मेरी पोती गुरमेहर को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है तब भी सरकार भाजपा की है। यह दर्द है रामजस विवाद में चर्चा आई गुरमेहर कौर के दादा कंवलजीत सिंह का।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी बेटे को अपने माता पिता के खुद की अर्जित किये गये घर में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और वह केवल उनकी दया पर ही वहां रह सकता है, फिर चाहे बेटा विवाहित हो या अविवाहित।