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लंदन में मोहन भागवत के साथ मंच पर होंगे डीकैप्रियो

लंदन में मोहन भागवत के साथ मंच पर होंगे डीकैप्रियो

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अगले महीने विदेश की शाखा हिंदू स्वयंसेवक संघ की पचासवीं वर्षगांठ लंदन में मनाएगा। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत लंदन जाएंगे। उनके साथ जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रय होसबोले भी होंगे।
विस्‍थापन दुखदायी है, हिंदुओं का पलायन शासन रोके : भागवत

विस्‍थापन दुखदायी है, हिंदुओं का पलायन शासन रोके : भागवत

कैरान से उठा हिंदुओं के पलायन का मसला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस विवाद को समय समय पर हवा मिलती जा रही है। राजनीतिक नेताओं के बाद अब आएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आज के समय में विस्थापन की खबरें ‘‘दुखदायी और परेशान करने वाली’’ हैं। भागवन ने कहा कि हिंदुओं के पलायन को रोकने की जिम्मेदारी वहां के शासन की है।
पाकिस्तान: ओम लिखी चप्पलें बेचने वाला व्यक्ति ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार

पाकिस्तान: ओम लिखी चप्पलें बेचने वाला व्यक्ति ईश निंदा के आरोप में गिरफ्तार

पाकिस्तान में पवित्र हिंदू शब्द ओम लिखी चप्पलें बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जूतों को भी जब्त कर लिया।
कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

कोर्ट का षडयंत्र से इनकार, गुलबर्ग सोसायटी में जाफरी ने गोली चलाई तो भीड़ भड़क गई

एसआईटी की विशेष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार में षडयंत्र के किसी भी पहलू से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी द्वारा चलाई गई गोलियों ने भीड़ को उकसाया और वह गुस्सा हो गई, नतीजन इतने बड़े पैमाने पर हत्‍याएं हुईं। अदालत ने हालांकि कहा कि गोलीबारी के कारण भीड़ की इस करतूत को माफ नहीं किया जा सकता है।
गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

गुजरात का गुलबर्ग मामला : दोषियों को सजा 17 जून को सुनाई जाएगी

विशेष एसआईटी अदालत ने सोमवार को कहा कि वह गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले के 24 दोषियों को सजा शुक्रवार 17 जून को सुनाएगी। गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के दौरान हुए गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसन जाफरी सहित 69 व्यक्ति मारे गए थे।
हिंदू आश्रमकर्मी की हत्‍या का दावा, हसीना जी आर्इएसआईएस ने अापको भी दी जानकारी

हिंदू आश्रमकर्मी की हत्‍या का दावा, हसीना जी आर्इएसआईएस ने अापको भी दी जानकारी

आईएसआईएस ने बांग्लादेश में एक हिन्दू आश्रम में काम करने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति की हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। मुस्लिम बहुल इस देश में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा धर्मनिपरेक्ष कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यकों की लगातार बर्बर हत्या की जा रही है। आईएसआईएस ने इस कदम से एक तरह से प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद काेे भी अपनी मौजूदगी की सूचना दी है। वााजेद नेे कहा था कि उनके यहां आईएसआईएस सक्रिय नहीं हैंं।
गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगा : गुलबर्ग सोसायटी हत्‍याकांड साजिश नहीं, भाजपा नेता सहित 36 बेगुनाह

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड पर विशेष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए 24 लोगों को दोषी ठहराया है। अदालत ने मामले में 36 लोगों को बेगुनाह माना है। कोर्ट ने जिन 36 लोगों को बरी किया है उनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर और भाजपा पार्षद भी शामिल है। अदालत ने कहा कि 34 आरोपियों को सबूतों की कमी की वजह से बरी किया गया है। अदालत ने कहा कि यह घटनाक्रम साजिश के तहत नहीं हुआ। मामले में सजा 6 जून को मुकर्रर की जाएगी।
आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

आधा न्‍याय मिला और वो भी चौदह साल में, ऊपरी अदालत जाऊंगी

गुजरात दंगों के गुलबर्ग सोसाइटी हत्‍याकांड मामले में विशेष अदालत के फैसले पर दंगों की पीड़िता जाकिया जाफरी आहत हैं। उन्‍होंने इस पर गहरा असंतोष जाहिर किया है। जाफरी ने कहा कि अदालत का फैसला एक तरह से आधा न्याय है। जिसेे मिलने में 14 साल लग गए।
गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

गुलबर्ग हत्याकांड का फैसला प्रधानमंत्री पर धब्बा: जस्टिस सच्चर

दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने गुलबर्ग सोसायटी मामले में गुजरात की एक अदालत के आज आए फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धब्बा बताया है।
हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

हर्षमंदर की नजर में मोदी के राज में काम कम, बखान ज्यादा हुआ

सामाजिक कार्यकर्ता हर्षमंदर की नजर में पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल के शासन में देश में काम कम और उसका बखान ज्‍यादा हुआ है। आईएएस अधिकारी रहे हर्षमंदर ने कहा कि आज के भारत में दो साल पहले के मुकाबले विषमताएं ज्‍यादा बढ़ी हैं। आर्थिक और सामाजिक अलगाव का यहां अब बोलबाला है।
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