1992 के बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 में कार्पोरेट निवेश की गति सबसे धीमी हो गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में खराब मांग और नए परियोजनाओं को ऋण देने के लिए बैंकों की अनिच्छा से यह गिरावट आई है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर अपनी चिंता जाहिर की है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का विकास धीमा पड़ने की वजह नोटबंदी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था केवल सार्वजनिक व्यय के इंजन पर चल रही है। लाखों नौकरियां खत्म हो रही है और निजी क्षेत्र का निवेश ध्वस्त हो गया है।
केंद्रीय कैबिनेट ने विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड को समाप्त किए जाने को मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक कार्यों में मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दिए जाने संबंधी नीति का भी अनुमोदन कर दिया है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस सौदे को सामान्य कामकाज करते हुये मंजूरी दी थी। एयरसेल-मैक्सिस मामले में, विदेशी निवेश मूल्य को देखते हुये विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड :एफआईपीबी: ने मामले को वित्त मंत्री को सौंपा और उस पर मंजूरी मांगी।
भारत में अप्रैल 2000 से सितंबर, 2016 तक 300 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। इससे पता चलता है कि भारत वैश्विक आर्थिक संकट के बीच सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। इसमें से करीब 33 प्रतिशत एफडीआई भारत में मॉरीशस के रास्ते आया है। इसके पीछे अहम कारण भारत का मॉरीशस के साथ दोहरा कराधान बचाव करार होने का फायदा उठाना हो सकता है।
संयुक्त राषट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश में सरंचनात्मक सुधारों के आगे बढ़ने से विनिर्माण आधार मजबूत हुआ है और निवेश गतिविधियां तेज हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में 2016-17 और 2017-18 दोनों साल में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर बनी रहेगी।