रिश्वत संबंधी ट्वीट करना कॉमेडी कलाकार कपिल शर्मा को भारी पड़ता जा रहा है। अपने फ्लैट में अनधिकृत निर्माण करने के लिए शर्मा के खिलाफ ओशीवारा पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद आज वन अधिकारियों ने उनके कार्यालय परिसर का सर्वेक्षण किया।
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के मामले में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एवं प्रमुख वित्त पोषक मीर कासिम अली को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है।
आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे पर भारत के बाद अब बांग्लादेश ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। बांग्लादेश का कहना है कि इस बात को साबित करने के पर्याप्त सबूत हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को पाल-पोस रहा है। मीडिया के मुताबिक बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री हसनुल हक इनू ने भारत की यात्रा के दौरान पाक पर आतंक को लेकर हमला बोला है।
फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने देश के 150 से ज्यादा न्यायाधीशों, महापौरों, सांसदों, पुलिस एवं सैन्य कर्मियों को अवैध नशीले पदार्थों से जुड़ा हुआ बताया। राष्ट्रपति ने नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार की इस महामारी के खिलाफ युद्ध छेड़ते हुए इन सभी लोगों को जांच के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा।
बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के दोषी पाए गए इस्लामिक कट्टरपंथियों में से तीन को मौत की सजा सुनाई है। पांच अन्य को मृत्यु पर्यंत कैद की सजा सुनाई है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शनिवार को मंगोलिया की राजधानी उलनबटोर में मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा की।
भारत सरकार ने अपने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को नया उपहार दिया है। आपसी संबंध सुधारने की दिशा में यह एक निर्णायक कदम हो सकता है। भारत ने इन देशों के अल्पसंख्यकों को वीजा की शर्तों में ढील दी है।
बांग्लोदश के जन्म के समय कई लोगोें ने पाकिस्तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्लादेश में 30 फीसदी अल्पसंख्यक हैं, जिन्हाेंने पाकिस्तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्लामी आदि शामिल थे। बांग्लोदश नेशनलिस्ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्लादेश फंस गया है।