इस्लामिक गुरु डॉ. जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए जाने को मुस्लिम विद्वानों ने अनुचित करार दिया है। नई दिल्ली के सूफी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष मौलाना डॉ. हफीज़ुर्रहमान मिसबाही ने कहा कि अगर नाइक ने जकात (दान) की राशि दी, तो उन्होंने लाभार्थी मुसलमानों और जकात अदा दोनों के साथ धोखा किया है। जकात की यह राशि वास्तव में डॉ. नाइक ने गरीब मुसलमानों और विधवाओं तक पहुंचाने के लिए प्राप्त की होगी। जकात की मंशा के खिलाफ इस राशि का इस्तेमाल सही नहीं है।
विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बकवास करार देते हुए केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने उस पर धर्म की आड़ में आश्रय लेने के आरोप लगाए और आश्चर्य जताया कि क्या वह सभी भारतीय मुसलमानों का मुखिया है।
पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह रूस और अमेरिका का दौरा करेंगे जहां वह पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और क्षेत्र में आईएसआईएस की गतिविधियों का मुकाबला करने के प्रयासों को लेकर बातचीत करेंगे।
भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की ओर से 50 लाख रूपए का चंदा दरअसल एक रिश्वत थी ताकि उसकी देश-विरोधी गतिविधियों को ढंका जा सके।
लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
यमन की राजधानी अदन में एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर आत्मघाती हमले में 60 लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है।
ब्रिक्स देशों के पर्यटन मंत्री खजुराहो में दो दिवसीय पर्यटन सम्मेलन के लिए एक सितंबर से जुटेंगे। इसमें भारत समेत ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के पर्यटन मंत्रियों सहित प्रतिनिधि मंडल हिस्सा लेगा।
तुर्की में एक संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी द्वारा किए गए हमले में 50 लोगों की मौत हो गई। यह हमला सीरिया की सीमा से सटे शहर गाजियनटेप में एक विवाह समारोह में हुआ।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।