आयकर विभाग ने आज करोड़ों की बेनामी संपत्ति के मामले में लालू की बेटी मीसा भारती और पति शैलेश कुमार को समन भेजा है। इस मामले को लेकर विभाग आगामी 6 जून को उनसे पूछताछ करेगा।
मुंबई पर राज करने वाले डॉन हाजी मस्तान के मुंह बोले बेटे शेखर सुंदर ने साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को धमकी भरा नोटिस दिया है। इस नोटिस में शेकर ने मस्तान की छवि खराब न करने की बात कही है। शेखर ने यह धमकी रजनीकांत की अपकमिंग मूवी ‘गॉडफादर’ को लेकर दी है।
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं और 12वीं के परिणाम में आज घोषित हो गए हैं। इस बार 10वीं की मेरिट में जहां देवप्रकाश मांझी ने पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, 12वीं के संयम जैन ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है। संयम जैन के पिता एक छोटे से दुकानदार हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की नो फ्लाई लिस्ट को लागू होते देखना लोगों के लिए काफी दिलचस्पी भरा है। अब गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के बेटे को फ्लाइट में सवार नहीं होने दिया गया। सोमवार को ग्रीस जाने वाली फ्लाइट में उन्हें शराब पीने के आरोप में नहीं बैठने दिया गया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस इटावा जिले के अस्पताल से एंबुलेंस न मिलने पर अपने किशोर बेटे का शव कंधे पर ले जाने को मजबूर हुए एक मजदूर का मामला सामने आने पर दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।
बीते कई महीनों से ट्रिपल तलाक का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है। हाल में वॉट्सऐप, पत्र और टेलीफोन के माध्यम से दिए गए तलाक के बाद बॉलीवुड के 'नवाब' यानि सैफ अली खान इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठ पाए। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह इस प्रथा से बिल्कुल भी सहमत नहीं है।
प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान का कहना है कि यह दुखद है कि शिक्षा लोगों को एक दूसरे के प्रति हमदर्द बनाने में नाकाम रही और दुर्भाग्य से कुछ लोग आज के दौर में भी मंदिर और मस्जिद बनाने के बारे में बात करते हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय ने खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का गोपनीय बेटा बताने वाले को फटकार लगाते हुए उसके द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाये।
विशाल भारद्वाज बड़े कैनवास पर फिल्म रंगून ले कर आए हैं। ओमकारा, मकबूल, हैदर बनाने वाले निर्देशक इतनी बड़ी चूक कर सकते हैं यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। दुखांत अंत उनकी फिल्मों का स्थाई भाव रहता है जो यहां भी है। लेकिन ओमकारा या मकबूल में यह दर्शकों को सिहरा देता था और यहां दर्शक राहत की सांस लेते हैं कि चलो फिल्म अब खत्म होगी।