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देश हो तो ऐसा : स्विट्जरलैंड के लोगों ने मुफ्त सैलरी की पेशकश ठुकराई

देश हो तो ऐसा : स्विट्जरलैंड के लोगों ने मुफ्त सैलरी की पेशकश ठुकराई

अगर बिना काम किए कोई सैलरी देने का वादा करेगा, तो इससे खुशी की बात क्‍या होगी और यह खुशी तब और बढ़ जाएगी जब यह पेशकश सरकार की तरफ से आए। ऐसी सुहानेे प्रस्‍ताव को बहुत से लोग तुरंत स्‍वीकार कर लेंगे लेकिन स्विट्जरलैंड के लाेेगों की इससे अलग राय है। वहां के लोगों ने सरकार की तरफ से दी गई ऐसी पेशकश को ठुकरा दिया है।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों में भी फ्री वाई फाई

उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों में भी फ्री वाई फाई

सर्च इंजन गूगल के द्वारा देश में 5 रेलवे स्टेशन पर फ्री वाई-फाई फैसिलिटी शुरू की गई है। यह फ्री वाई-फाई सर्विस उज्जैन, जयपुर, पटना, गुवाहाटी और इलाहाबाद रेलवे स्टेशनों पर लांच की गई है। देश में गूगल के द्वारा करीब 100 रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई सर्विस देने की घोषणा भी की गई है।
स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

बिहार की नीतीश सरकार अपने एक अन्य अनूठे प्रयास के तहत 8 से 12 कक्षा तक की छात्राओं को स्वच्छता के लिए सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी।
कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

दूध से भी दूर नहीं होगी कुपोषण की समस्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक फरमान जारी किया कि मध्यान्ह भोजन के साथ-साथ बच्चों को दूध दिया जाए ताकि कुपोषण दूर कर सेहतमंद बनाया जा सके। लेकिन हफ्ते में एक दिन दूध देने से क्या कुपोषण की समस्या दूर हो पाएगी इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि हफ्ते में एक दिन दूध वह भी कई स्कूलों में नहीं मिल रहा है तो कई जगह खराब मिल रहा है।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
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