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Search Result : "Manoj Sarkar"

छोटी फिल्मों का बड़ा असर

छोटी फिल्मों का बड़ा असर

फिल्म निर्माता शिरीष कुंदर की आने वाली लघु फिल्म कीर्ति में अभिनेता मनोज वाजपेयी और राधिका आप्टे नजर आएंगे। यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर पर आधारित होगी। राधिका आप्टे पहले भी कई लघु फिल्मों में काम कर चुकी हैं।
मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मूलतः चित्रकार। अनेक चित्र-प्रदर्शनियों में कला-कृतियां चयनित, प्रदर्शित। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, रेखांकन, समीक्षाएं और कला-लेख प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह के अलावा ‘जन-वाचन’ आंदोलन के लिए लिखी कुछ पुस्तकें प्रकाशित। जनवादी लेखक संघ की पत्रिका ‘नया-पथ’ के चित्रकला-विषेषांक के अलावा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के लिए ‘ज्ञान विज्ञान वार्ता’ के कुछ अंकों और एक बाल पुस्तक माला का संपादन। बच्चों की किताबों के लिए रचनात्मक रेखांकन। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पुस्तिकाओं के अनुवाद प्रकाशित। सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव। घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी में गहरी दिलचस्पी।
आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

आर.के. सिंह ने फिर दिखाए तेवर, मनोज तिवारी भी कतार में

बिहार में चुनावी पराजय के बाद भाजपा में बवाल थम नहीं रहा। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही जबकि असंतुष्ट सांसद आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने हार की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्य को लेकर हम लापरवाह - उदयन वाजपेयी

साहित्यिक पत्रिका समास के संपादक और साहित्यकार उदयन वाजपेयी अपनी कहानियों से ज्यादा उनके द्वारा लिए गए विभिन्न हस्तियों के साक्षात्कार के लिए पहचाने जाते हैं। कई साहित्यिक पत्रिकाओं के बीच समास का अलग तेवर है। स्थानीय पुट के साथ-साथ इसमें राष्ट्रीयता का दखल भी इसमें कम नहीं होता। साहित्यिक पत्रिकाओं की कमी और इस दुनिया के बदलते तेवर पर उन्होंने कई पहलुओं पर अपनी बात साझा की।
कांटों के बीच अपनों की चिंता

कांटों के बीच अपनों की चिंता

मनोज की कविताओं में समाज के विविध रंग दिखाई पड़ते हैं। परिवार के प्रति चिंता या अपनों की देखरेख की चिंता भी मनोज शब्दों में ऐसे बांधते हैं कि हर किसी को वह दुख साझा लगता है। सन 2008 के प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार के बाद भारतीय भाषा परिषद से तथापि जीवन नाम से काव्य संग्रह। कविताएं लिखने के अलावा अनुवाद के काम में संलग्न रहते हैं।
धोखाधड़ी में गिरफ्तार हुए आप विधायक मनोज कुमार

धोखाधड़ी में गिरफ्तार हुए आप विधायक मनोज कुमार

आप के कोंडली से विधायक मनोज कुमार को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। मनोज ‌कुमार पर उनके पूर्व साझेदार ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
परियोजनाओं में देरी से होती है किरकिरी

परियोजनाओं में देरी से होती है किरकिरी

देश में बुलेट ट्रेन चलेगी, स्टेशनों का कायाकल्प होगा, रेलगाडिय़ा समय से चलेगी जैसे अनेक सपने पाले देश का आम नागरिक नरेंद्र मोदी की सरकार से उम्मीद पाले है। सरकार का एक साल पूरा हो गया। उम्मीदों की रेल का सपना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है। यात्रियों की बढ़ती संख्या, कंफर्म टिकट को लेकर मारामारी ने आम आदमी के लिए संकट खड़ा कर दिया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा से भारतीय रेल से जुड़े तमाम पहलुओं पर आउटलुक के विशेष संवाददाता ने विस्तार से बात की। पेश है प्रमुख अंश-
तीखे हमलों के बाद मोदी-मनमोहन का मधुर मिलन

तीखे हमलों के बाद मोदी-मनमोहन का मधुर मिलन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को पहले मोदी सरकार पर कड़े प्रहार किए लेकिन शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास भी पहुंचे। एनडीए के राज में लोकतांत्रिक संस्‍थाओं पर खतरा बताने के कुछ ही घंटों के अंदर मनमोहन सिंह की मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि मनमोहन सिंह के इस कदम ने सरकार पर किए उनके तीखे हमलों का असर कम कर दिया है।
किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा बर्दाश्‍त नहीं- मोदी

किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा बर्दाश्‍त नहीं- मोदी

कांग्रेस नेताओं ने मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं, जिसका मुकाबले करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्‍पसंख्‍यकों के मुद्दे पर अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।
मोदी ने साल भर की कामयाबी दिखाने में झोंकी ताकत

मोदी ने साल भर की कामयाबी दिखाने में झोंकी ताकत

सरकार की पहली सालगिरह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचार की व्‍यापक रणनीति तैयार कराई है। सबसे ज्‍यादा जोर नई योजनाओं के फायदे गिनाने और किसान विरोधी छवि से बाहर निकलने पर रहेगा। मथुरा में रैली कर खुद मोदी अपनी उपलब्धियों की झांकी पेश करेंगे। इस मौके पर किसी बड़ी योजना का ऐलान भी हो सकता है।
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