कतर और खाड़ी देशों के बीच चल रहे टकराव में पाकिस्तान भी मुश्किल का सामना कर रहा है। एक मुलाकात के दौरान सउदी अरब के शाह सलमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पूछा है कि वें किसके साथ है, कतर के या फिर उनके यानी सउदी अरब के?
सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आज कतर के साथ अपने सभी राजनयिक संबंध तोड़ने की घोषणा की है। इन सभी देशों ने कतर पर आंतकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है।
ब्रिटेन और अमेरिका सहित लगभग 100 देशों में एक बड़े साइबर अटैक का मामला सामने आया है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार मालवेयर कंप्यूटर वायरस 'रैंसमवेयर' कंप्यूटर को प्रभावित कर रहा है। इस मेलवेयर कंप्यूटर वायरस ने लगभग 100 देशों के कंप्यूटर सिस्टम को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचाया है।
एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि देशभर में वर्ष 2015 में मरने वाले दस व्यक्तियों में से एक से ज्यादा की मौत धूम्रपान के कारण हुई थी, जिनमें से 50 फीसदी से अधिक मौत सिर्फ चार देशों में हुई है। इन चार देशों में भारत भी शामिल है।
अमेरिकी सरकार ने आज से आठ देशों से आने वाले कुछ विमानों में यात्रियों को लैपटॉप, आईपैड, कैमरे और ज्यादातर अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान साथ लेकर सफर करने पर अस्थायी रोक लगा दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम बहुल राष्ट्रों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के बाद अमेरिका आने से रोके गए हजारों लोग एक बार फिर वहां आने की कोशिश में जुट गए हैं। इन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बना है ट्रंप के आदेश को चुनौती देने वाला अदालती फैसला।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मुस्लिम बहुल सात देशों के लोगों पर प्रतिबंध लगाने वाले विवादित आव्रजन आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद से अमेरिका ने 60,000 वीजा रद्द किए हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद राजधानी दिल्ली स्थित कई देशों के दूतावासों काेे नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है। रूस के बाद नकद निकासी सीमित करने को लेकर कई देशों के दूतावासों ने नाखुशी जताई है। उन्होंने इसे विएना कंवेंशन का गंभीर उल्लंघन बताया है।
नॉर्वे, स्वीटजरलैंड और यूरोपीय समुदाय के 28 देशों में शरण मांगने वालों की संख्या 2015 में 13 लाख पार कर गई। 1992 से यह संख्या लगभग दोगुनी है, जब सोवियत संध के पतन के बाद सात लाख लोगों ने शरण मांगी थी। यूरोपीय समुदाय की स्टैटिकल एजेंसी यूरोस्टार्ट ने आंकड़े जारी किए हैं। शरणार्थी तीन देशों से हैं- सीरिया, अफगानिस्तान और इराक। तीनों ही मुल्कों में अरसे से संघर्ष चल रहे हैं। इन देशों से लोग हजारों की संख्या में बेदखल हो रहे हैं और यूरोपीय देशों में शरण मांग रहे हैं।