संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
बांग्लादेश में शुक्रवार को हमलावरों ने सुबह की सैर पर निकले एक हिंदू आश्रमकर्मी की हत्या कर दी। गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर मुस्लिम चरमपंथियों के निर्मम हमलों की कड़ी में कुछ ही दिन पहले संदिग्ध आईएसआईएस जिहादियों ने एक अन्य पुजारी की हत्या कर दी थी।
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली मोदी सरकार के दो साल के शासनकाल में मानवाधिकार और धार्मिक आजादी कम होने का दावा किया है। कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को भारत की अमेरिका के साथ होने वाली नियमित वार्ता का अंग बनाने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, सिविल सोसाइटी और मानवाधिकारों पर कथित रूप से बढ़ते हमलों पर गंभीर चिंता जताई है। सीनेटरों की चिंता पर ओबामा प्रशासन ने कहा कि वह इन मुद्दों पर भारत के साथ बात कर रहा है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग के बाद अब गूगल गूगल प्रमुख सुंदर पिचई भी मुस्लिमों के समर्थन में उतर आए हैं। शनिवार को अपने एक ब्लॉग के जरिये उन्होंने कहा कि हमें अमेरिका और विश्व में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।
सरहद पार से आती है सदा कि सलामत रहे वतन। किसी भी तरह की आतंकवादी वारदात की तपिश कैसे लंदन में सक्रिय संगठनों तक पहुंच रही है, इसका अंदाजा लंदन में सक्रिय बिटिश ऑर्गनाइजेशन फॉर पीपुल ऑफ एशियन ओरिजिन (बोपा) के देवेंद्र प्रसाद से बातचीत में होता है
उच्चतम न्यायालय ने सरकार की सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपने के केंद्र के आग्रह पर आज सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि वह इस बारे में निर्णय करेगी कि केंद्र द्वारा उठाए गए सवालों को वृहद पीठ को भेजा जा सकता है या नहीं।