ऐसा नहीं है कि सुपरस्टार की बचकानी तमन्ना नहीं हो सकती। हालांकि यह बिलकुल बचकानी भी नहीं है। किंग खान चाहते हैं कि मिशन इंबासिबल फेम इथन हंट और सबके चहेते जेम्स बॉन्ड एक साथ किसी फिल्म में काम करें।
अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने छोटे बच्चों में पूर्ण टीकाकरण को 18.6 फीसदी से 70 फीसदी तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। यह देश के औसत के बराबर है।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के पास एक सुरंग धंसने के कारण उसमें फंसे तीन मजदूरों में से दो को कई दिनों के प्रयास के बाद आज सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि अब भी एक मजदूर के सुरंग के अंदर ही मलबे में फंसे होने की आशंका है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय बनाई गई नदी जोड़ परियोजना की रिपोर्ट गायब हो गई है। इस रिपोर्ट को उस समय सुरेश प्रभु ने तैयार किया था। सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद एक बार फिर नदी जोड़ परियोजना को जोर-शोर से शुरू किए जाने की कवायद होने लगी। लेकिन जब इस परियोजना की पिछली रिपोर्ट को मांगा गया तब पता चला कि यह रिपोर्ट ही गायब हो गई।
अगर शीर्षक पढ़ कर चौंक गए हैं तो सही चौंके हैं। लेकिन उतना भी सही नहीं। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहन सरकार की कन्यादान योजना के तहत अब उन वर-वधू को 12,000 रुपये की सहायता देंगे जिनके घर में शौचालय नहीं है। इस पैसे से नवदंपति शौचालय बनवाएंगे। तो हुआ न यह कन्यादान में शौचालय।
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रांत में वहां के मूल निवासी भूमि मालिकों ने भारत की दिग्गज खनन कंपनी अदाणी समूह के 16.5 अरब डॉलर की कारमाइकल कोयला खान परियोजना को नए सिरे से संघीय अदालत में चुनौती दी है।
हरियाणा के नए उपनगरीय इलाकों सोनीपत और पानीपत को केंद्र की 100 स्मार्ट शहर बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल करने से इस क्षेत्र में करीब 200-300 करोड़ रुपए का नया निवेश आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना नमामि गंगे को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्वच्छ करने के कदम उठाए जाएंगे। इस पर अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
भारत की तेजस हल्के लड़ाकू विमान की परियोजना की आज कैग ने जमकर आलोचना की और कहा कि इसके मार्क-। संस्करण में अनेक खामियां हैं और यह भारतीय वायुसेना के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता।