प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल अमेरिकी सांसदों के बीच भारत सहित अन्य देशों में मानवाधिकार संरक्षकों की सुरक्षा के लिए लाॅबिंग कर रहा है। संगठन भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ राजनीतिक दबाव बनाने का भी प्रयास कर रहा है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत में अफ्रीकी छात्रों पर हमले को लेकर अफ्रीकी देशों के राजदूतों के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और आश्चर्यजनक करार देते हुए बुधवार को कहा कि भारत अफ्रीकी छात्रों समेत भारत में रहने वाले प्रत्येक देश के नागरिक की सुरक्षा को कृत संकल्पित हैं।
मानव तस्करी मामलों में गत वर्ष पश्चिम बंगाल सबसे आगे रहा, वहीं दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम सामने आया है। करीब 61 फीसदी मानव तस्करी के मामले इन दोनों राज्यों से हैं।
मानवाधिकार मामले में चीन और अमेरिका में एक तवा है तो दूसरा हांडी। इस मामले में दोनों ने एक दूसरे की कलई खोली है। अमेरिका के लांछन का जबाव देते हुए चीन ने अमेरिका से कहा है कि इस मामले में दूसरों की फूली निहारने की जगह वह अपनी फूटी देखे। अमेरिका प्रशासन अपनी वार्षिक रिपोर्ट में मानवाधिकार हनन के लिए चीन को पहले ही लताड़ लगा चुका है। अमेरिका ने चीन को दमनकारी करार दिया है।
बंगाल के जलपाईगुड़ी शिशु तस्करी कांड में भाजपा की महिला नेता का नाम सामने आया है। जांच कर रही सीआईडी ने प्राथमिकी में भाजपा महिला मोर्चा की जलपाईगुड़ी जिला महासचिव जूही चौधरी का नाम मामले में शामिल किया है। जूही फरार है। उसकी तलाश जारी है।
केंद्र सरकार ने देश में पंजीबद़़ध 33 हजार एनजीओ में से 20 हजार के एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही कानूनी तौर पर मान्य होंगे। फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट लाइसेंस निरस्त होने का मतलब ये हुआ कि ये एनजीओ अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला होम मिनिस्ट्री ने लिया है। दिसंबर की शुरुआत में ही इन 13 हजार एनजीओ के लाइसेंस ऑनलाइन प्रोसीजर से रिन्यू किए गए थे।
मानव पूंजी न केवल संगठन बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मूल्यवर्धन का साधन बनती है। कॉर्न फेरी के आर्थिक विश्लेषण के अनुसार श्रम बल में प्रत्येक एक डॉलर के निवेश से सकल घरेलू उत्पाद में 11.39 डॉलर जुड़ते हैं।
शनिवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर दुनिया भर के कई लेखकों ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखा है। मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर भेजे गए पत्र में लेखकों ने राष्ट्रपति से इसे तत्काल रोकने की अपील की है।
जानी-मानी वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा संचालित एनजीओ का लाइसेंस सरकार ने एफसीआरए का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए स्थायी तौर पर रद्द कर दिया है। संगठन ने इस कार्रवाई को निरर्थक और इसे संविधान के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला बताया है।