Advertisement

Search Result : "Narendra Dabholkar murder"

कांग्रेस के खिलाफ भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रस्ताव पारित

कांग्रेस के खिलाफ भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रस्ताव पारित

संसद में हो रहे व्यवधान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस की व्यवधानकारी, नकारात्मक रणनीति पर प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के निर्धारित प्रयासों में बाधा उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है।
ऐतिहासिक समझौताः नगालैंड में अब होगी शांति

ऐतिहासिक समझौताः नगालैंड में अब होगी शांति

केंद्र सरकार की उत्तर पूर्व पर ध्यान देने की नीति के परिणाम दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले बांग्लादेश के साथ दशकों से अटके पड़े भूमि समझौते को अंजाम दिया और अब नगालैंड में शांति बहाल करने के लिए वहां के प्रभावशाली संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन) (आईएम) के साथ शांति संधि पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के बाद अब नगालैंड में बंदूकों की आवाजें खामोश हो जाएंगी और राज्य के विकास को गति मिलेगी।
मोदी की रैली से पहले गया में भारी मात्रा में मिला विस्फोटक

मोदी की रैली से पहले गया में भारी मात्रा में मिला विस्फोटक

बिहार एसटीएफ की टीम ने शक्रवार 31 जुलाई को गया जिले में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के गुप्त ठिकाने से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया। गया में 9 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होनी है।
भाजपा में नेतृत्व की शैली पर उठने लगे सवाल

भाजपा में नेतृत्व की शैली पर उठने लगे सवाल

भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने पार्टी के संस्थापक सदस्य को अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तब पार्टी के संस्थापक सदस्य ने कहा कि, 'कुछ मत बोलो बहुत टेरर है।’ विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक यह कटाक्ष भाजपा के मौजूदा नेतृत्व को लेकर था और जब पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार की चिट्ठी सामने आई तो इस 'टेरर’ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
असमंजस में राजद-जदयू के नेता और भाजपा के सहयोगी दल

असमंजस में राजद-जदयू के नेता और भाजपा के सहयोगी दल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर की रैली में जब मंच से बिहार के पूर्व मुख्य‍मंत्री जीतनराम मांझी की तारीफ कर मुख्य‍मंत्री नीतीश कुमार को कोस रहे थे तब मंच पर बैठे लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मांझी के बढ़ते कद से असहज महसूस कर रहे थे। यह अलग बात है कि मंच से पासवान ने नीतीश कुमार और लालू यादव को जमकर कोसा लेकिन भाजपा नेताओं के बदलते रवैये से पासवान अंदर से कुछ ठगा महसूस कर रहे थे। और ठीक प्रधानमंत्री की रैली के वक्त‍ भाजपा के सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा मुख्य‍मंत्री नीतीश कुमार से मिल रहे थे।
करोड़ी क्लब का भरोसा नहीं अजय को

करोड़ी क्लब का भरोसा नहीं अजय को

अपने काम पर विश्वास रखना अच्छा है और उससे ज्यादा अच्छा है, अपने काम पर अतिविश्वास न करना। अजय देवगन इसे बहुत अच्छी तरह समझते हैं।
हिंदी प्रेमी सरकार की पूर्व राष्ट्रपति को कैसी हिंदी में  श्रद्धांजलि

हिंदी प्रेमी सरकार की पूर्व राष्ट्रपति को कैसी हिंदी में श्रद्धांजलि

पीआईबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अशुद्ध हिंदी में दी गई श्रद्धांजलि। इससे सरकार की हिंदी के प्रति सजगता की खुली पोल
भगवा रंग में रंगे जदयू के बागी विधायक

भगवा रंग में रंगे जदयू के बागी विधायक

जनता दल यूनाइटेड के बागी विधायक अब भारतीय जनता पार्टी का गुणगान कर रहे हैं। तकनीकी कारणों से भाजपा में शामिल न हो पाने के कारण ये विधायक जदयू के साथ बने हुए हैं लेकिन भाजपा का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुज्जफरपुर की रैली को सफल बनाने के लिए जदयू के बागी विधायकों ने पूरा जोर लगाया और यहां तक की रैली में भी शामिल हुए।
बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूकेंगे मोदी

बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूकेंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शनिवार से बिहार को चुनावी मोड में लाने के लिए तैयार हैं। यूं तो उनके विरोधी जनता परिवार ने पहले ही पूरे राज्य में चुनावी सरगर्मी शुरू कर दी है मगर भारतीय जनता पार्टी इसके लिए अपने स्टार नरेंद्र मोदी की प्रतीक्षा कर रही थी और यह प्रतीक्षा कल खत्म हो जाएगी जब मोदी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार न सिर्फ बिहार जनसभा को संबोधित करेंगे बल्कि राज्य को केंद्र से कई सौगातों की घोषणा भी करेंगे।
क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

क्या मध्यवर्ग को गैस सब्सिडी और सांसदों को सस्ता खाना मिलना चाहिए ?

पिछले साल भर में दस लाख से ज्यादा भारतवासियों ने स्वेच्छा से अपनी रसोई गैस सब्सिडी छोड़ी। एक विकासशील देश में मोदी सरकार ने इन लोगों को इसके लिए प्रेरित करने का अभियान यह कहते हुए छेड़ा कि पैसा ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना चाहिए। सरकारी अनुदानों के बारे में आख्यान बदलने का यह प्रयास नई राह बनाता है। ज्यादातर सब्सिडी कम जरूरतमंद लोग चट कर गए हैं, इसके बारे में बहुत सार्वजनिक विमर्श हुआ है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement