आयकर विभाग ने सितंबर में समाप्त आय खुलासा योजना (आईडीएस) के तहत मुंबई के एक परिवार की दो लाख करोड़ रुपये तथा अहमदाबाद के व्यापारी की विवादास्पद 13,860 करोड़ रुपये की घोषणा को खारिज कर दिया है। इस बारे में जांच जारी है ताकि उनके झूठे दावे के इरादे का पता लगाया जा सके।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी अब धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगी है। कामगार वर्ग इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। किसानों और सब्जी उत्पादकों को औने पौने दाम में अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं। मजदूरों की रोजी पर भी संकट आन पड़ा है। नोटबंदी से मंडियों में सब्जियों के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं।
तेलगूदेशम पार्टी के सांसद एन शिवप्रसाद ने नोटबंदी के फैसले के बाद आम जनता को होने वाली समस्याओं को उजागर करने के लिए अनोखा तरीका अख्तियार किया। मंगलवार को एन शिवप्रसाद संसद में काली सफेद रंग की शर्ट पहनकर आए जिसमें एक तरफ दुखी किसानों की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ अमीर लोगों की।
महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और मध्य प्रदेश में हर दूसरा बच्चा किसी न किसी रूप से यौन शोषण से पीड़ित रहा है। यह बात प्लान इंडिया नाम के एक एनजीओ द्वारा राज्यों पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।
रबी मौसम की बुवाई को लेकर चिंतित सरकार ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक :नाबार्ड: से नकदी संकट से जूझ रहे किसानों को 21,000 करोड़ रुपये वितरित करने की अनुमति दी है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नोटबंदी के फैसले से परेशान किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस समय चूंकि बुआई का समय है, इसलिए इसको देखते हुए किसान बीजों की खरीद में पूराने 500 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तमिलनाडु में कावेरी मुद्दे पर किसानों और विपक्षी दलों ने केंद्र से तुरंत कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) की स्थापना की मांग करते हुए विभिन्न जगहों पर रेलो को रोक कर धरना और प्रदर्शन किया।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उन घोषणाओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधा है, जिनमें लोगों को मुफ्त ऋण, अनाज या अन्य सुविधाएं मिलती हैं। भोपाल में श्री अरविंदो सोसायटी के कार्यक्रम में विजयवर्गीय ने राजनीति और अध्यात्म पर बोलते हुए कहा कि मैं सीएम बनकर बिजली के बिल माफ करने का निर्णय लूं तो यह लोकप्रिय फैसला तो हो सकता है, लेकिन लोक हित का नहीं।
दिल्ली की एक संस्था ने देश में रोजगारों के अवसर पर किए गए अध्ययन के आधार पर दावा किया है कि साल 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे। अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा नए रोजगार के अवसरों का सृजन नहीं होने औप पूराने अवसरों के समाप्त होते जाने की वजह से होगा।