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स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

स्कूली छात्राओं को सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी नीतीश सरकार

बिहार की नीतीश सरकार अपने एक अन्य अनूठे प्रयास के तहत 8 से 12 कक्षा तक की छात्राओं को स्वच्छता के लिए सैनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगी।
डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

डेंगू : बिस्तरों की मांग पूरी करने के लिए जूझ रहे अस्पताल

दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
तो नेत्रहीन भी देख सकेंगे दुनिया

तो नेत्रहीन भी देख सकेंगे दुनिया

बायोनिक आंखों के नए संस्करणों से हम भविष्य में ऐसे लोगों की आंखों की रोशनी लौटाने में भी सक्षम हो सकते हैं जो पूरी तरह नेत्रहीन हो चुके हैं।
दक्षिण कोरिया से थाईलैँड पहुंचा घातक वायरस

दक्षिण कोरिया से थाईलैँड पहुंचा घातक वायरस

मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी मर्स का घातक वायरस अब दक्षिण कोरिया से थाईलैंड तक पहुंच गया है। थाइलैंड ने अपने देश में इस बीमारी के पहले मामले की पुष्टि की है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य मंत्री ने दी है। इसके साथ ही पिछले साल अफ्रीका महाद्वीप और फिर अमेरिका और यूरोप में इबोला वायरस से त्रस्त रही दुनिया को अब एक नए खतरे से मुकाबले के लिए कमर कसनी पड़ेगी।
चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

चीनी मिलों को 6000 करोड़ का कर्ज, दालों के आयात की नौबत

दालों की बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने दालों के आयात का फैसला किया है जबकि चीनी मिलों को 6 हजार करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त कर्ज दिया जाएगा। इससे पहले भी केंद्र और राज्‍य सरकारें चीनी मिलों को कई राहत पैकेज दे चुकी हैं। इसके बावजूद गन्‍ना किसानों को करीब 21 हजार करोड़ रुपये का भुगतान चीनी मिलों के पास अटका हुआ है।
धांधली के चलते राष्‍ट्रीय इस्‍पात को 156 करोड़ का नुकसान: कैग

धांधली के चलते राष्‍ट्रीय इस्‍पात को 156 करोड़ का नुकसान: कैग

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सीवीसी दिशानिर्देशों के उलट ठेकेदारों को ब्याज-मुक्त संग्रहण अग्रिम का भुगतान किए जाने से उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया गया और कंपनी को 156.02 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
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