भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता के बारे में भारत ने बुधवार को कहा कि गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है। भारत ने जोर देकर कहा कि इस्लामाबाद को ही सीमापार से जारी आतंकवाद, जम्मू कश्मीर के हिस्से पर अवैध कब्जे और आतंकी शिविरों को बंद करने पर निर्णय लेना है।
उत्तर प्रदेश के बलिया के चर्चित नरही गोलीकांड में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर क्षेत्रीय भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी खूब रोए। विधायक ने ये आंसू अपने कार्यकर्ता विनोद राय के लिए बहाए, जो उनके थाने पर धरना की वजह से पुलिस की गोली का शिकार हुआ।
एक गरिमामय समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुजराती के प्रख्यात लेखक डॉ. रघुवीर चौधरी को 51वां ज्ञानपीठ अवॉर्ड दिया। दिल्ली में संसद भवन पुस्तकालय में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारो, साहित्यारों और सुधि पाठक जनों ने हिस्सा लिया।
बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी द्वारा मंगलवार को ट्विटर पर डियर कहकर संबोधित किए जाने से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भड़क गईं। इस मामले पर दोनों मंत्रियों के बीच ट्विटर के जरिये ही जमकर शब्दबाण चले।
करीब दो साल पहले यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए अकबर चौधरी को विश्वविद्यालय प्रशासन की जांच में इन आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
अनिता रश्मि के लेखन में झारखंड की गंध और गहरी संवेदनशीलता है। ‘लाल छप्पा साड़ी’ से लेकर ‘बांसुरी की चीख’ तक उनके कथा लेखन में एक विकास यात्रा दिखती है। जाने-माने लेखक सी भास्कर राव अनिता रश्मि की लेखन यात्रा को इसी तरह देखते हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस इंडिया के रजिस्ट्रेशन रद्द करने के सरकार के फैसले पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने माना कि तमिलनाडू रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी ने प्राकृतिक न्याय के सिंद्धातों का पालन नहीं किया है। पिछले साल से अबतक यह छठी बार है जब ग्रीनपीस और उसके कार्यकर्ता को फंडिग रोके जाने या बंद किये जाने की कोशिशों के खिलाफ कानूनी जीत मिली है। (1) माननीय न्यायालय ने लगातार ग्रीनपीस इंडिया के पक्ष में फैसला दिया है।
चंडीगढ़ में एक न्यूज चैनल के पत्रकार अमित चौधरी जो अभी तक दूसरों की परेशानियों, उन पर हुए अत्याचारों को दिखाते और बताते रहे हैं, आज खुद उसका शिकार हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के चलते उनके साथ वो सब हुआ जिसे वह ‘तानाशाही, जुल्म, अत्याचार, प्रताड़ना और भयावह’ जैसे शब्दों के जरिये बयां करते हैं। यही नहीं, कारगिल युद्ध में देश के लिए दुश्मन से लोहा लेने वाले ब्रिगेडियर देवेंद्र सिंह के बेटे का निधन हो गया, उन्हें सेक्टर 25 के श्मशान घाट में बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया। क्योंकि प्रधानमंत्री की रैली के चलते श्मशान घाट को पार्किंग में बदल दिया गया था। सोशल मीडिया के चलते अमित और ब्रिगेडियर देवेंद्र की तकलीफ का पता हमें लग भी गया लेकिन हजारों-लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी तकलीफ और पीड़ा बताने के लिए स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया का मंच नहीं है लेकिन असहनीय पीड़ा है।