राजस्थान के स्कूली पुस्तकों से जवाहर लाल नेहरू का संदर्भ हटाए जाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच देश के प्रथम प्रधानमंत्री का नाम अब मुंबई विश्वविद्यालय की एमए की एक पुस्तक से भी गायब हो गया है।
जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, तब से गाय माता अचानक से लाइम लाइट में आ गई हैं। पर्यावरण मंत्रालय गाय पर एक दिवसीय कार्यक्रम कर रहा है। राजस्थान में भी गाय पर कार्यक्रम हो रहा है।
अरुणाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात से पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वहां राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश कर डाली है। कांग्रेस का मानना है कि बतौर मुख्यमंत्री कलीखो पुल के शपथग्रहण के लिए उठाया जाने वाला कोई भी कदम असंवैधानिक होगा और इसी सिलसिले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने वाला है।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई को 96 हजार से बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
चुनावों में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन की सरकार छठ के बाद शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 20 नवंबर को नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।
गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।