विवेक मिश्र को साहित्यिक पत्रिका हंस में प्रकाशित उनकी कहानी ‘और गिलहरियां बैठ गईं’ के लिए अठारहवें रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में वर्चस्व की जंग चरम पर पहुंचने के बाद अब दोनों धड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां तीन नवंबर को रथ यात्रा निकालने जा रहे हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जा रहे उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पांच नवंबर को सपा के रजत जयन्ती समारोह को मेगा पोलिटिकल शो बनाने की तैयारियों में पूरा जोर लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार के मुखिया अखिलेश यादव ने आगामी चुनाव के मद्देनजर प्रदेश भर में अपनी विकास रथ यात्रा तीन नवम्बर से शुरू करने की आज घोषणा की। अखिलेश ने एक पत्र लिखकर इस बात की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अपने पिता मुलायम सिंह यादव को दी है।
भाजपा यूपी को जीतने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी तथा उनके विकास कार्यों पर ही ध्यान दे रही है। पार्टी 100 दिन की रथ यात्रा परिवर्तन यात्रा के नाम से शुरु करने जा रही। उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यह रथ यात्रा पूरे प्रदेश में निकाली जाएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मोदी सरकार की पिछले दो साल की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के मलवाणा गांव में 26 जनवरी 1962 को किसान परिवार में जन्म। लेखन के साथ—साथ जन संगठनों में भागीदारी। हंस, वसुधा, समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, पाखी, बया, कथाक्रम, आधारशिला, विपाशा और अमर उजाला आदि में कहानियां प्रकाशित। कुछ कहानियों और कविताओं का अंग्रेजी, कन्नड़, मराठी और मलयालम में अनुवाद। आकाशवाणी और दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण। दो कहानी संग्रह बाणमूठ और पहाड़ पर धूप नाम से कहानी संग्रह प्रकाशित। हंस में प्रकाशित कहानी बाणमूठ पर वर्ष 2009 का प्रतिष्ठित रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार। बाणमूठ कहानी संग्रह पर 2012 का अखिल भारतीय सेतु साहित्य पुरस्कार। हिमाचली लोकनाट्य बांठड़ा पर पुस्तक प्रकाशित। कहानी बाणमूठ और मुट्ठी भर धूल पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा देश के विभिन्न शहरों में नाटकों का मंचन। मेघदूतम नाट्य अकादमी मुंबई की ओर से कहानी शापित गांव की प्रेम कथा का बिहार के सुपौल जिले में नाट्य मंचन।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भगवान जगन्नाथ की सदी की प्रथम नबकलेबर यात्रा पुरी में शनिवार को पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ निकाली गई। देश विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की नयी मूर्तियों की नौ दिनों की यात्रा देखने के लिए पुरी आए हैं। यह यात्रा गुंडीचा मंदिर तक होगी और वहां से अपने अपने मूल स्थान पर लौटेगी।
सुरक्षा एजेंसियों की भारी चौकसी के बीच शहर में आज भगवान जगन्नाथ की 138 वीं रथयात्रा और ईद उल फित्र का त्योहार मनाया गया। ये दोनों त्योहार 30 वर्ष बाद संयोग से एक ही दिन मनाये गये। धूमधाम से शुरू हुई इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।