सरकार ने आज भारतीय उद्यम विकास सेवाओं (आईईडीएस) के गठन को मंजूरी प्रदान की। इसका गठन सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के तहत विकास आयुक्त कार्यालय में किया जाएगा।
सरकार ने आज कहा कि नकदी के बजाए डिजिटल लेन-देन अपनाने से छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में 46 प्रतिशत तक कमी आएगी। सरकार ने अनुमानित आय नियमों में बदलाव किया है इससे उन छोटे व्यापारियों की कर देनदारी में कमी आएगी जो डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनते हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज रात कहा कि अगर कोई एक बार में पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट जमा करता है तो कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा लेकिन बार-बार पैसा जमा करने पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को जमा करने संबंधी नियम कड़े किये जाने के बाद उन्होंने यह बात कही।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद से देश भर में करोड़ों लोग भले ही अब भी अपने कुछ हजार रुपये निकालने के लिए बैंकों के आगे घंटों इंतजार कर रहे हों, लेकिन कुछ लोगों को अपने करोड़ों रुपए को एक्सचेंज करने में कुछ मिनट भी नहीं लग रहे।
नोटबंदी के बाद काले धन पर छापेमारी में बरामद हो रही भारी भरकम नकदी को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में इसे घर पर रखने की सीमा भी तय कर सकती है। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि कैश में नहीं रख पाएगा।
महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में 500 और 1,000 के पुराने या बंद नोटाें में 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराने पर कड़े अंकुश लगा दिए। अब 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में पुराने नोटाें में सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा सकेगी। इसके लिए जमाकर्ता को बैंक अधिकारियाें को अभी तक पैसा जमा न कराने की वजह बतानी होगी।
नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार को लगता है कि बैंकों के पास जो पैसा आया है, शायद उनकी गिनती ठीक से नहीं हुई है। बैंकों के पास बंद हो चुके 13 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं। इस तरह से जितनी मुद्रा को निरस्त किया गया था, वह पूरी रकम उन्हें मिल चुकी है। जबकि पुराने नोटों को जमा कराने की अंतिम तारीख 30 दिसंबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक और बैंकों से जमा कराए गए नोटों को फिर से जांचने को कहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती ने भी माना है कि नोटबंदी के बाद समूचे देश में छोटे व्यापारी की हालात खराब है। उनके हाथ से कारोबार जा रहा है। वेतन न दे पाने की स्थिति में कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी रातोंरात कैशलेस पद्धति को फॉलो करें, यह उनके लिए मुश्किल है। नोटबंदी के चलते लघु उद्योगों का उत्पादन 40 से 50 फीसदी कम हो गया है।