नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए।
भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और उनकी स्विस जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस ने बुधवार को सिडनी में सीधे सेटों में जीत दर्ज करके डब्ल्यूएटीए सिडनी इंटरनेशनल टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ महिला युगल में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के रिकार्ड की बराबरी भी की।
भारतीय स्टार शटलर पी वी सिंधु ने आज महिला एकल फाइनल में जापान की मिनात्सु मितानी को हराकर मकाउ ओपन ग्रांड प्रीक्स गोल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट को लगातार तीसरी बार जीत लिया है। सिंधु ने 120,000 डॉलर इनामी राशि वाले टूर्नामेंट को जीतकर खिताबी हैट्रिक पूरी की।
केंद्र सरकार के नीतिगत सुधारों के विरोध और बेहतर सेवानिवृत्ति लाभ की मांग को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 17,000 से अधिक कर्मचरियों ने आज एक दिन का समूहिक अवकाश लिया।
चुनावों में भारी जीत के बाद नीतीश कुमार की अगुवाई में बनने वाली महागठबंधन की सरकार छठ के बाद शपथ ग्रहण करेगी। हालांकि शपथ ग्रहण की तारीख अभी तय नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 20 नवंबर को नीतीश कुमार अपने मंत्रीमंडल के साथ शपथ ले सकते हैं।
महागठबंधन की इस आंधी में बिहार की राजनीति के कई बड़े और चर्चित चेहरों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा, लोजपा और हम के साथ साथ एमआईएम के कई बड़े नेता हार गए हैं।
भारत के चोटी के टेनिस स्टार सानिया मिर्जा, लिएंडर पेस और महेश भूपति महान खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा के साथ मिलकर 27 नवंबर को यहां एक प्रदर्शनी मैच खेलेंगे।
बाएं हाथ के 37 वर्षीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लेकिन उन्हें हमेशा इसी बात के लिए याद किया जाएगा कि उन्होंने ही भारतीय गेंदबाजों में विश्वास भरा कि रिवर्स स्विंग पाकिस्तानी गेंदबाजों की बपौती नहीं है।
सभी केंद्रीय सरकारी विभागों से कहा गया है कि वे अपने सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से पांच साल पहले ही सभी प्रक्रियाओं की जांच पूरी कर ली जाए ताकि पेंशन मामले में उन्हें किसी तरह की देरी का सामना न करना पड़े।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होने जा रहे चुनावी महाभारत के लिए मैदान तकरीबन सज चुका है। एक दूसरे को शिकस्त देने के इरादे से दोनों राजनीतिक गठबंधन अपने सेनापतियों के साथ आमने सामने डट गए हैं। तीसरी ताकत के नाम पर कुछ महारथी खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि किसी और को हराने और किसी और की जीत में मददगार साबित होने की रणनीति के तहत अगल बगल से या फिर नेपथ्य में रह कर भी इस चुनावी महाभारत में अपनी भूमिका के लिए उद्धत हैं।