किसान आंदोलन और प्रदेश में कर्ज से परेशान किसानों की आत्महत्या पर चारों ओर से खुद को घिरता देख मध्यप्रदेश सरकार ने अपने सुर बदल लिए हैं. अब उसने भी खेती में इतना मुनाफा नहीं है, कहना शुरू कर दिया है।
किसानों के विरोध का असर अब गुजरात में भी दिखने लगा है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी किसान के विरोध का सामना करना पड़ा। एक कार्यक्रम के दौरान स्मृति ईरानी को किसान के गुस्से का शिकार होना पड़ा।
मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां किसान आंदोलन की आग लगी हुई है वहीं किसानों की मौतें भी थमने का नाम नहीं ले रही है। 24 घंटे के अंदर तीन किसानों की मौतों से एक बार फिर शिवराज सरकार पर सवालिया निशान लग गया है।
मध्य प्रदेश में पिछले 48 घंटों में कर्ज में डूबे दो किसानों ने आत्महत्या कर ली है। इनमें से एक किसान बुधनी विधानसभा क्षेत्र से है। मध्य प्रदेश की बुधनी विधान सभा सीट का प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करते हैं।
किसान आंदोलन के बीच अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को समस्याओं पर चर्चा के लिए खुला न्योता दिया। शिवराज ने कहा, “किसान आग न लगाएं, चर्चा के लिए आएं।”
सीएम शिवराज के उपवास के दूसरे दिन भी किसानों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने आज पूरे प्रदेश में चक्का जाम और जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नारियल का पानी पीकर उपवास समाप्त कर दिया है। बीजेपी नेता कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल का पानी पिलाया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मंच पर भारतीय किसान यूनियन के महामंत्री ने भले ही आंदोलन समाप्त करने का ऐलान कर दिया हो लेकिन यूनियन की कार्यकारिणी ने इसका खंडन किया है। ऐसे में सीएम शिवराज की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही है।
किसान आंदोलन को लेकर जिस समय भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान उपवास शुरू करने जा रहे थे तभी आप नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि ‘जो धान की कीमत दे न सका, वो जान की कीमत क्या जाने?’