दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' पर हमला किया है। मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी और बिहार विकास मिशन के शासी निकाय के सदस्य प्रशांत किशोर अगर राज्य में अपने कामों के प्रति न्याय नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।
व्यंग्य की दुनिया में जाना-पहचाना नाम, 4 व्यंग्य संग्रह, अवधी में दो कविता संग्रह। श्रीलाल शुक्ल संचयिता सहित 9 पुस्तकों का संपादन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अवधी कविता और व्यंग्य का पुरसकार। आलोचना के लिए स्पंदन सम्मान।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की याचिका सोमवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने रियो ओलंपिक में पुरूषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व तय करने के लिये भारतीय कुश्ती महासंघ को चयन टायल के आयोजन का निर्देश देने की मांग की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खेल संहिता और केंद्र के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लिए रियो ओलंपिक 2016 में पहलवानों के चयन के लिए ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं है। फिर भी अदालत ने कहा कि उसने इस मामले में लंबी बहस सुनी है और वह फैसला देगी। उसने खिलाड़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।
ओलिंपिक में दो बार पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ रियो खेलों से पहले पुरूष 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल कराने के अपने वादे से मुकर रहा है। ट्रायल कराया जाना चाहिए जिससे फैसला हो सके कि उनके और नरसिंह यादव के बीच कौन बेहतर है।
इस बार पहलवान सुशील कुमार ने रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग में कुश्ती के दांवपेंच आजमाने की चाहत रखे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सुशील ने पीएम से मिलने के लिए समय भी मांगा है। सुशील का कहना है कि 74 किलोग्राम वर्ग में उनके और नरसिंह के बीच कुश्ती हो जाए। जो जीतेगा वह ओलंपिक में इस वर्ग में खेलने जाए।
भारतीय कुश्ती महासंघ ने भारतीय ओलंपिक संघ को रियो आेलंपिक के लिए क्वालीफार्इ करने वाले पहलवानों की ज्रो सूची भेजी है उसमें दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का नाम नहीं है।
हिंदी जगत के जाने-माने क्रिकेट कमेंटेटर। क्रिकेट के मैदान से आंखों देखा हाल सुनाने के लिए प्रसिद्ध। हिंदी के अकेले ऐसे कमेंटेटर जिन्होंने रेडियो से लेकर टेलीविजन के युग तक हिंदी में श्रोताओं-दर्शकों के लिए क्रिकेट की शब्दावली को आगे बढ़ाया। हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित। राजकमल प्रकाशन से क्रिकेट पर आधारित कहानियों की किताब क्रिकेट का महाभारत प्रकाशित।