देश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम में इस आपदा की चपेट में आने से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
नाखुश सुरक्षा बलों से खुशहाल काम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। बीएसएफ उस जवान के प्रति थोड़ी दया दिखाए जो अपनी पत्नी के गर्भवती होने पर तबादले की गुजारिश कर रहा है। यह टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जवान की याचिका पर की है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली की तीनों नगर निगम के आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि क्यों न उनके खिलाफ देश की राजधानी में सफाई की नाकामी पर अवमानना की कार्रवाई की जाए। अदालत में यह टिप्पणी दिल्ली में सही तरीके से कूड़ा का निपटान नहीं करने व मच्छरों के चलते डेंगू व चिगनगुनिया जैसी बीमारी फैलने को लेकर जनहित याचिका पर की है।
चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में एक और कांग्रेसी नेता ने पार्टी को झटका दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य ने हाथ का साथ छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी के कमल को थाम लिया है।
राजस्थान में भाजपा की सरकार है। भाजपा और आरएसएस पूरे देश में गाय की रक्षा पर जोर देते रहते हैं। ऐसे में भाजपा शासित राजस्थान में गायों का हाल वहां की सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े करता है। जयपुर से बाहर हिंगोनिया गौ शाला में पिछले 2 दिनों में 90 गायों की मौत और पिछले 2 सप्ताह में 500 से ज़्यादा गाय के मरने की खबर पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का पार्टी में महत्व बढ़ने लगा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उत्तराखंड दौरे के दौरान बहुगुणा सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे थे। यही नहीं शाह की केदारनाथ यात्रा में भी बहुगुणा साथ ही रहे जबकि प्रदेश भाजपा के कई दिग्गज नेताओं को यात्रा से दूर रखा गया।
नैनिताल उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए एक समानांतर प्रक्रिया शुरू की, जिसका अभी तक कोई उदाहरण नहीं मिलता, पहली बार राष्ट्रपति शासन के अंतर्गत होगा बहुमत परीक्षण
उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों को जोशीमठ से लेकर बद्रीनाथ धाम तक की यात्रा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एंड्रायड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन जारी की है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए इस साल से शुरू हुए नए रास्ते, (सिक्किम से हो कर गुजरने वाला) के कारण उत्तराखंड से होकर जाने वाले पुराने मार्ग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इस रास्ते को लेकर तीर्थ यात्रियों के बीच आकर्षण कम नहीं हुआ है।