बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार पर पार्टी में मचा घमासान जारी है। मंगलवार को भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि पार्टी ने दिल्ली में हुई हार से कोई सबक नहीं सीखा।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की थी। परंतु उसके लगभग दो सौ साल बाद कुमाऊं में अल्मोड़ा के पंडित देवीदत्त जोशी ने ब्रजभाषा में श्री रामलीला नाटक लिख कर एक अनूठा प्रयोग किया। पूरी तरह गेयशैली में लिखे गए इस नाटक में उन्होंने अनेक स्वरचित गीत डाले।
युवा व्यंग्यकार और पत्रकार अनुज खरे ने आज के समय पर करारी चोट करते हुए एक नाटक लिखा, नौटंकी राजा। नाटक राजनीतिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में हो रहे पतन पर बहुत गहरे तरीके से अपनी बात रखता है। इस नाटक की सबसे बड़ी खासियत रही हंसी-हंसी में बड़ी बात को आसानी से कह देना। पिछले दिनों, पंचानन पाठक नाट्य समारोह के तहत एलटीजी ऑडिटोरियम में इस व्यंग्य नाटक का मंचन हुआ।
विवादों के बीच भोपाल में शुरू हुआ 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन बगैर कोई छाप छोड़े समाप्त हो गया। पूरे कार्यक्रम के आयोजन में इसके उद्घाटन और समापन पर ही आयोजकों का सारा फोकस था। पर उसके बावजूद कार्यक्रम पूरी तरह से अपने उद्देश्यों से दिशाहीन होकर समाप्त हो गया। विवादों का ही असर हुआ जिसके चलते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इसके समापन समारोह में अपने पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए।
भोपाल में शुरू होने वाले 10वें विश्व हिन्दी सम्मेलन शुरुआत से पहले ही जमकर विरोध में साहित्यकारों की जमात हो रही है।। एक दिन पहले केन्द्रीय मंत्री वी.के. सिंह के विवादास्पद बयान ने हंगामा खड़ा कर दिया है।
सोमवार को कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग जारी कर पूरे देश में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। रणवीर सेना के कई पूराने कार्यकर्ताओं के इस स्टिंग में भाजपा के कई बड़े नेताओं का नाम रणवीर सेना को सहयोग करने में आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने हमला बोला है। उन्होंने पीएम पर पार्टी के बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सिन्हा ने कहा कि भाजपा के 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के नेता 26 मई, 2014 के बाद दिमागी रूप से मृत मान लिए गए थे। सिन्हा ने यह टिप्पणी इस तथ्य के मद्देनजर की कि मोदी के मंत्रिमंडल में 75 वर्ष से ऊपर की उम्र के नेता नहीं शामिल किए गए।
सन 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मकोका के आरोपों से बरी करते हुए निचली अदालत को एक माह के अंदर सभी आरोपियों की जमानत याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया है।