नोटबंदी के 35 वें दिन भी बुधवार को आम आदमी को राहत मिलती नहीं दिखी। बैंकाें तथा एटीएम में पर्याप्त नकदी नहीं थी, जिसकी वजह से लोगाें को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के बाद माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री को सबसे गहरा धक्का पहुंचा है। देश के गांवों और कस्बों को वित्तीय समावेशी बनाने में माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री अहम भूमिका निभाती है। माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कर्ज वसूली और कर्ज वितरण की रफ्तार लगभग रुक गई है। कर्ज वसूली में 30 फीसदी और वितरण में 70 फीसदी की गिरावट आई है।
नोटबंदी के दौरान नकद के लिए मची अफरा-तफरी में आज एक और व्यक्ति की जान चली गई। ताजा हादसा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का है, जहांबंदेल स्टेशन के पास एक एटीएम काउंटर के सामने कतार में खड़े होने के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारी कल्लोल रॉय चौधरी ने दम तोड़ दिया।
अर्थव्यवस्था में नकदी की बहुतायत को भ्रष्टाचार और काले धन का बड़ा स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों से नकदी रहित लेनदेन (कैशलेस ट्रांजेक्शन) की ओर बदलाव की राह पकड़ने की अपील की ताकि ऐसे मजबूत भारत की नींव रखी जा सके जहां इस तरह की समस्या के लिए कोई जगह नहीं रहे।
पेट्रोल पंपों पर बंद हो चुके नोटों को स्वीकार करने की नई समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो रही है, जिसकी वजह से शहर के पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग रही हैं। उत्तरी मुंबई के उपनगर मलाड के पेट्रोल पंप के बाहर कतार में लगे अक्षय मुदगल ने कहा, शुक्रवार को पेट्रोल पंप पर 500 के नोट स्वीकारने का आखिरी दिन है। मैं यहां अपने मोटरसाइकिल की क्षमता के अनुरूप पेट्रोल भरवाने आया हूं।
हरियाणा रोडवेज के एक कंडेक्टर की एक घंटे में तीन बार चेकिंग की गई। उसके पास नकदी की जांच सार्वजनिक तौर पर कपड़े उतारकर की गई। इससे सदमे में आकर उसकी मौत हो गई। इस पूरे वाकया की निंदा करते हुए हरियाणा रोडवेज के सभी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
नये करेंसी नोटों की तंगी झेल रहे बैंकों में गुरुवार को वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को उस समय निराशा हुई जब उन्हें लंबी प्रतीक्षा के बाद तय सीमा से कम नकदी ही उपलब्ध हो पाई। शाखाओं पर उमड़े खाताधारकों को शांत करने के लिये बैंक अपने पास उपलब्ध नकदी के अनुरूप थोड़ी थोड़ी राशि ही उपलब्ध करा पा रहे हैं।
आकाशवाणी पर मन की बात में की गई टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संवेदनहीन करार देते हुए उन पर निशाना साधा और कहा कि वह उस समय नकदरहित लेनदेन वाले समाज की दिशा में बढ़ने की बात कर रहे हैं जब देश की बहुत कम आबादी प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल कर रही है।
पुणे स्थित थिंकटैंक अर्थक्रांति के संस्थापक अनिल बोकिल ने कहा है कि बिना समुचित तैयारी के नोटबंदी का कदम उठाया गया है। बोकिल का मानना है कि इस अच्छे प्रयास का सही से क्रियान्वयन नहीं किया गया।
आंध्रप्रदेश सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नकदीरहित लेनदेन करने में सक्षम बनाने के लिए सभी को मुफ्त में मोबाइल फोन देगी। वर्तमान नकदी संकट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।