राज्यसभा में गरुवार को जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।
देश में वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: को अमल में लाने को लेकर उद्योग जगत के मन में अब भी कई तरह के सवाल हैं और उसका मानना है कि इस देशव्यापी नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क कितना दक्ष और मजबूत है।
लोकसभा में बुधवार को लंबी बहस के बाद आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार कहा जाने वाला जीएसटी बिल पास हो गया। जीएसटी से जुड़े 4 बिलों सैंट्रल जी.एस.टी., इंटीग्रेटेड जी.एस.टी., यूनियन टैरिटरी जी.एस.टी. और कम्पन्सेशन जी.एस.टी. बिलों को लोकसभा ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। 1 अप्रैल की अंतिम समय सीमा करने के बाद 1 जुलाई से देशभर में समान टैक्स प्रणाली लागू होगी। जी.एस.टी. का उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की दर को एक समान रखना है।
वेतनभोगी तबके के लिये आयकर रिटर्न भरने के वास्ते एक छोटा नया फार्म एक अप्रैल से उपलब्ध हो जायेगा। आयकर विभाग ने इस फार्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह छोटा और अधिक सरल बन गया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित चार विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा, इन चारों विधेयकों को एक साथ इसलिए पेश किया जा रहा है, क्योंकि विधेयकों की विषय-वस्तु एक जैसी ही है।
वस्तु एवं सेवा कर को संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध करार देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त कर का भार नहीं डालते हुए जीएसटी के माध्यम से देश में एक राष्ट्र, एक कर की प्रणाली लागू करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: प्रणाली को पूरे देश में अमल में लाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सोमवार को चार विधेयक लोकसभा में पेश किये गए। इन पर संसद की मुहर और अलग से तैयार राज्य जीएसटी विधेयक को सभी राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने की विधायी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू कर लिया जाएगा। जीएसटी लागू होने से वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी और कर चोरी मुश्किल होगी।