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आधार कार्ड : 'आम आदमी का अधिकार' नहीं अब 'मेरा आधार, मेरी पहचान' नई टैगलाइन

आधार कार्ड : 'आम आदमी का अधिकार' नहीं अब 'मेरा आधार, मेरी पहचान' नई टैगलाइन

देश के हर नागरिक की पहचान आधार कार्ड की टैगलाइन को बदल दिया गया है। यह कदम कई लोगों से अनुरोध प्राप्त होने के बाद उठाया गया है।
काबुल में भारतीय महिला को अगवा किया, सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी

काबुल में भारतीय महिला को अगवा किया, सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी

भारत की एक महिला को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के तैमानी इलाके से अगवा कर लिया गया है। अफगान अधिकारी उसकी सुरक्षित रिहाई करने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

भूजल स्तर में लगातार गिरावट आने, शहरों का विस्तार होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं की कमी, जलवायु परिवर्तन, देश के 20 राज्यों में जल विषाक्तता के बीच जल के समुचित उपयोग एवं संरक्षण को लेकर एक समग्र, व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग के साथ जल को संविधान की समवर्ती सूची में रखने के विचार पर बहस शुरू हो गई है।
जलवायु परिवर्तन में अमेरिका की नजर में भूटान सबसे बेस्‍ट

जलवायु परिवर्तन में अमेरिका की नजर में भूटान सबसे बेस्‍ट

अमेरिका ने कहा है कि भूटान जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर एक वैश्विक आदर्श है क्योंकि यह देश जितनी कार्बन डाइ आॅक्साइड का उत्सर्जन करता है, उससे तीन गुना ज्यादा यह अवशोषित कर लेता है। उसका संविधान कहता है कि देश में कम से कम 60 फीसदी हिस्से पर जंगल होने चाहिए। इस समय इसके 72 फीसदी हिस्से पर जंगल हैं।
फिर जी उठे बैजू बावरा

फिर जी उठे बैजू बावरा

11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
गांधी: बस नाम ही बाकी है

गांधी: बस नाम ही बाकी है

राष्ट्रपिता के रूप में ख्याति पाने वाले शख्स के नाम पर पूरे भारत में ढेरों संस्थाएं हैं, जिनका बस 'नाम’ ही बाकी रह गया है
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