प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेशी दौरे के दौरान अमेरिका के वॉशिंगटन पहुंचे, जहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कई आहम बातें कहीं।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव गोठड़ा टप्पा में अनशन पर बैठी छात्राओं की मांग को सरकार ने मान ली है। पिछले एक हफ्ते से 13 छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठी थीं। छात्राओं की मांग थी कि उनके स्कूल को अपग्रेड कर 12वीं तक की कक्षाएं संचालित करवाई जाए। जिस पर शिक्षामंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार जल्द अधिसूचना जारी करेगी।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया क्षेत्र के खजुरानी गांव में एक 17 वर्षीया किशोरी की कथित रूप से भुखमरी के चलते मौत हो जाने की खबर से पूरे उत्तराखंड में हड़कंप मच गया है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए इस घटना को देवभूमि पर एक कलंक करार दिया है।
जम्मू कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के एक जवान ने आरोप लगाया है कि सैनिकों को बर्बरता का सामना करना पड़ता है क्योंकि उन्हें खराब गुणवत्ता का भोजन परोसा जाता है और कई बार तो भूखे भी रहना पड़ता है। इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उचित कार्रवाई का आदेश दिया है और रिपोर्ट मांगी है। वहीं, बीएसएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पाकिस्तान अभी तक सर्जिकल स्ट्राइक से उबर नहीं पाया है और भारत के खिलाफ लड़कर वह खुद अपना नुकसान कर रहा है। मोदी ने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, पहले सैनिक ताकत होते हुए भी अपनी ताकत नहीं दिखा पाते थे लेकिन अब नियंत्रण रेखा के पार 250 किमी के क्षेत्र में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने हमारे बहादुर सैनिकों की ताकत देख ली है।
खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
16 साल तक की भूख हड़ताल के बाद भी मणिपुर की लौह महिला इरोम शर्मिला की अच्छी सेहत का राज उनकी इच्छाशक्ति और योगाभ्यास है। इस भूख हड़ताल के दौरान उन्हें नाक से जबरन तरल भोजन दिया जाता था। शर्मिला के सहयोगियों और उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, शर्मिला ने 1998 में योग सीखा था। इसके दो साल बाद वह भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं। यह भूख हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई।
मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला ने 16 साल बाद मंगलवार को रोते हुए अपनी भूख हड़ताल खत्म की। इस अवसर पर बेहद भावुक इरोम ने कहा कि अब वह अपने संघर्ष की रणनीति में बदलाव करते हुए राजनीति में उतरना चाहती हैं।