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इरोम शर्मिला खत्म करेंगी सोलह साल से जारी अनशन, लड़ेंगी चुनाव

इरोम शर्मिला खत्म करेंगी सोलह साल से जारी अनशन, लड़ेंगी चुनाव

मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्सपा) की आड़ में सेना के कथित अत्याचारों के खिलाफ पिछले 16 सालों से अनशन पर रहकर विरोध कर रहीं इरोम शर्मिला अपना अनशन खत्म करेंगी। उन्होंने अपना विरोध जारी रखते हुए अगले साल राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
खड़से मामले में अंजलि भूख हड़ताल पर

खड़से मामले में अंजलि भूख हड़ताल पर

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में जांच और राज्य कैबिनेट से उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर आप की पूर्व नेता अंजलि दमानिया ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
कन्हैया के भी क्या कहने, खुद को भगत सिंह और गांधी मान बैठे

कन्हैया के भी क्या कहने, खुद को भगत सिंह और गांधी मान बैठे

जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्‍हैया कुमार ने एक बार फिर जेएनयू प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। कन्हैया ने विश्‍वविद्यालय के वीसी के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होंने कैंपस में जारी भूख हड़ताल को गैरकानूनी कहा था।
आफ्सपा नहीं हटा तो पतन शुरू होगाः इरोम शर्मिला

आफ्सपा नहीं हटा तो पतन शुरू होगाः इरोम शर्मिला

दुनिया में सबसे लंबी भूख हड़ताल करने वाली शख्स का नाम है इरोम शर्मिला चानू। मणिपुर की यह आयरन लेडी बेहद नाजुक मिजाज और बेहद मधुर आवाज में पेड़-पौधों-पक्षियो और प्रेम के बारे में बतियाने वाली हैं। लेकिन उनके इच्छाशक्ति फौलादी है। उन्हें उनके मिशन से बड़ी से बड़ी अड़चन नहीं हिला पाई, आफ्सपा से वह तीखी नफरत करती हैं और इसके खात्मे से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
निकालना है निकाल दो, हड़ताल जारी रहेगी

निकालना है निकाल दो, हड़ताल जारी रहेगी

अनुशासनात्मक कार्रवाई और निष्कासन की चेतावनी से बेपरवाह एफटीआईआई के छात्रों ने कहा है कि 35 दिनों से चल रहा उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती। उनकी एक प्रमुख मांग टीवी कलाकार गजेंद्र चौहान को इस संस्थान के अध्यक्ष पद से हटाने की है।
कोबाड गांधी के अनशन के बाद हरकत में आया तिहाड़ प्रशासन

कोबाड गांधी के अनशन के बाद हरकत में आया तिहाड़ प्रशासन

माओवादी विचारक कोबाड गांधी पिछले करीब पांच साल से तिहाड़ जेल में हैं। जेल से लिखे एक पत्र में कोबाड गांधी ने अपने साथ हुए उत्‍पीड़न और भूख हड़ताल पर जाने की मजबूर को बयां किया है।
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