संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लॉक आवंटित होने के बाद भी कई तरह की मंजूरी से परेशान परियोजना बीच में ही छोड़ कर चली गईं कई गैस खनन कंपनियां
सालाना दस लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाताओं को अगले महीने से सब्सिडी वाला रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) नहीं मिलेगा। सरकार ने सब्सिडी में कमी के लिए रियायती दरों पर सिलेंडरों की आपूर्ति सीमित करने का फैसला किया है।
दिल्ली में प्रदूषण घटाने के लिए एक दिन छोड़कर कार चलने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के बाद अब केंद्र सरकार भी कड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। दिल्ली में सीएनजी की उपलब्धता 100 फीसदी बढ़ाने के साथ-साथ पीक आवर में सीएनजी महंगी देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
पिछले कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्यों में जारी कटौती को देखते हुए लगातार तीसरी बार विमान ईंधन यानी एटीएफ के मूल्यों में फिर से 1.2 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं खुले बाजार में बिकने वाली रसोई गैस (एलपीजी) के प्रति सिलेंडर मूल्य में 61.50 रुपये की वृद्धि की गई है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लिए गए दो फैसलों से देश में महंगाई की आग और भड़कने वाली है। एक फैसला पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी का है जिसके तहत केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल पर 1.6 रुपये और डीजल पर 40 पैसे प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।
विमान ईंधन के मूल्य में मामूली रूप से कटौती की गई है जबकि बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमत में 27.50 रपये वृद्धि की गई है। दामों में बदलाव वैश्विक रुख के अनुरूप है।
दाल की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ पांच राज्यों में की गयी कार्रवाई में 5,800 टल दालें जब्त की गई है। हालांकि सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद दालों की कीमतों में वृद्धि जारी है और यह 210 रुपये किलो तक पहुंच गई है।
आधार कार्ड अनिवार्य करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला देते हुए आधार कार्ड की अनिवार्यता पर रोक के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा है।
प्राकृतिक गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमत में गिरावट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने भी सब्सिडी रहित रसोई गैस के मूल्य में 7.5 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। इस लिहाज से दिल्ली में पहले 559.50 रुपये पर मिल रहा गैस सिलेंडर (14.2 किलो) आज से 517.50 रुपये में बिकेगा।
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव ने पश्चिम एशिया से समुद्र के रास्ते प्राकृतिक गैस लाने की भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। संयुक्त राष्ट्र का आकलन है कि ओमान और ईरान के रास्ते प्रस्तावित गहरे समुद्र की गैस पाइपलाइन परियोजना को मंजूरी मिल जाने से कूटनीतिक गतिरोध उत्पन्न हो जाएगा।