Advertisement

Search Result : "nationalist writer"

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
महिला नेतृत्व मनवाएगा लोहाः सुप्रिया सुले

महिला नेतृत्व मनवाएगा लोहाः सुप्रिया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने मौजूदा राजनीतिक हालात में महिला नेताओं की भूमिका और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर रखी है अपनी बेबाक राय
70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

70 साल बाद आयन रैंड का उपन्यास

प्रसिद्ध रूसी लेखिका और दार्शनिक आयन रैंड का उपन्यास आइडियल 70 साल बाद प्रकाशित हो रहा है। उपन्यास से पहले उन्होंने इसे एक नाटक के रूप में लिखा था।
उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का निधन

पाकिस्तान के जाने माने उर्दू उपन्यासकार अब्दुल्ला हुसैन का लाहौर में निधन हो गया। हुसैन अपनी किताब उदास नस्लें के लिए जाने जाते थे। वह 84 वर्ष के थे।
मैं भारत फिर लौटूंगी - तस्लीमा

मैं भारत फिर लौटूंगी - तस्लीमा

अपने देश के चरमपंथियों की ओर से मौत की धमकियां मिलने के बाद अमेरिका जा चुकी विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा कि उन्होंने भारत को स्थायी तौर पर नहीं छोड़ा है और जब उन्हें सुरक्षित महसूस होगा, वह लौट आएंगी।
चेखव की कहानी:  छुई-मुई

चेखव की कहानी: छुई-मुई

अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।
आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

आयरलैंड से भारत यात्रा साइकिल पर

रोमांचपसंद डेवरेला मर्फी ने सन 1965 में साइकिल पर आयरलैंड से भारत की यात्रा की थी। इसी यात्रा के अनुभव को उन्होंने अपनी पुस्तक ‘फुल टिल्ट’ में लिखा है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement