सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय मैच में नाबाद शतक जमाकर जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले एक दिवसीय क्रिकेट मैच में भारत को आज नौ विकेट से जीत दिलाई।
नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा है कि भारत का प्रधानमंत्री बनने की उनके मन में कोई चाह नहीं है। उन्होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा। सत्यार्थी ने कहा कि आम लोगों की ताकत और एक आम आदमी की नैतिक शक्ति दुनिया में किसी प्रधानमंत्राी या नेता से लाखों गुना ज्यादा है।
मालेगांव विस्फोट मामले में क्रूर प्रताड़ना के बाद आखिरकार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट मिल गई है। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में दायर होने वाली चार्जशीट में साध्वी का नाम नहीं दिया है। इससे उनके जल्द जेल से रिहा होने की उम्मीद है।
अमेरिका के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में एफबीआई ने एक भारतीय इंजीनियर और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। ये दोनों उन चार व्यक्तियों में शुमार हैं जिन्हें अमेरिका की एक अदालत ने देश के खिलाफ जिहाद को अंजाम देने के लिए एक अलकायदा नेता को वित्तीय मदद मुहैया कराने के आरोप में अभियुक्त बनाया है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को राहत देते हुए हरियाणा की भाजपा सरकार ने उनके खिलाफ आरोपपत्र हटा दिया जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उनपर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने का आरोप लगाया था क्योंकि खेमका ने सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाडा के स्वामित्व वाली एक कंपनी और रियल्टी कंपनी डीएलएफ के बीच एक भूमि सौदे का दाखिल खारिज रद्द कर दिया था।
ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने सोच लिया है कि संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के बावजूद जरूरी विधायी कार्य निपटाएगी। इसकी एक बानगी शुक्रवार को लोकसभा में देखने को मिली जब कांग्रेस, वामदलों एवं कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बावजूद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही स्थगित नहीं की और प्रश्नकाल का संचालन होता रहा।
क्या दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष अरुण जेटली डीडीसीए के कथित घपलों और अनियमितताओं को लगातार उजागर रहे भाजपा सांसद कीर्ति आजाद को प्रलोभन देकर अपने पाले में करना चाहते थे? करीब पांच साल पहले के एक पत्र पर नजर डालें तो पहली नजर में ऐसा ही लगता है। यह चिट्ठी अभी सामने आई है।
राजस्थान में महिलाओं को डायन बताकर प्रताड़ित करने की घटनाओं को रोकने के लिए कानून तो बन गया। लेकिन यह कानून अब तक जमीन पर नहीं उतरा है। पुलिस इस कानून से बेखबर है और औरत पर सितम ढाने वाले बेखौफ।