सरकार ने आज कहा कि संसद के मानसून सत्र में जीएसटी विधेयक को पारित कराने के लिए उसके पास पर्याप्त समर्थन है। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा।
संसद में हो रहे लगातार शोर-शराबे से आजिज आकर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भावुक होकर कहा कि कांग्रेस देशहित में संसद चलने दे। वेकैंया ने कहा कि कांग्रेस सांसदों को नियम और कानून से कुछ लेना-देना नहीं है। संसद की कार्यवाही में अड़चन डालना उनकी आदत सी बन गई है।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। हंगामे के ही बीच भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2015 को सदन की प्रवर समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
सुचारू रूप से चल रहे संसद के दोनों सदनों के कामकाज को देखते हुए सरकार की योजना है कि अगले सप्ताह जीएसटी और रियल एस्टेट विधेयक को पारित कराया जाए। इसलिए इन विधेयकों को पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। इनके साथ ही लोकसभा में छह और राज्यसभा में सात विधेयकों को पारित कराने की भी योजना है। इनमें से दो विधेयक पहले से ही निचले सदन में और तीन विधेयक उच्च सदन में सूचीबद्ध हैं।
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके आसपास के इलाकों में आई भीषण बाढ़ को लेकर सरकार ने माना कि स्थिति अधिक गंभीर है और शहर एक टापू बनकर रह गया है। संसद के दोनों सदनों में बाढ़ को लेकर चर्चा हुई और सांसदों ने कहा कि स्थिति की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। यह संभव है कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे।
संसद सत्र के दौरान सुबह ठीक साढे 10.30 बजे। कांग्रेस के युवा सांसदों की एक टीम पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलती है और यह तय किया जाता है कि आज सरकार का विरोध किस तरीके से करना है, कब तक करना है और किस हद तक जाना है। यह कोई एक दिन की रणनीति नहीं होती थी बल्कि हर दिन सत्र से पहले कांग्रेस के युवा सांसदों की टीम राहुल के इंतजार में रहती थी और इशारा मिलने पर पूरी मुस्तैदी के साथ सरकार के विरोध में उतर आती।
संसद का मानसून सत्र चलने के लिए भले ही सरकार विपक्ष को दोषी ठहरा रही हो लेकिन बिहार के भाजपा सांसदों को निर्दश दिया गया कि पहले क्षेत्र को संभालिए। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह सभाओं का आयोजन किया जा रहा है और इसके लिए सांसदों का रहना जरूरी है। ऐसे में पार्टी की ओर से यह निर्देश मिला है कि सांसद पहले क्षेत्र संभालें संसद तो ऐसे ही चलती रहेगी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के एक फैसले ने पूरे विपक्ष को एकजुट कर दिया। वहीं कांग्रेस भी पूरी तरह से आक्रामक मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरे जोश के साथ सरकार के खिलाफ खड़े हैं।
लोकसभा में अपने पच्चीस सांसदों के निलंबन के बाद आक्रामक हुई कांग्रेस अब पूरे देश में लोकसभा अध्यक्ष और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि लोकतंत्र की हत्या हुई है।
संसद में हो रहे व्यवधान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस की व्यवधानकारी, नकारात्मक रणनीति पर प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के निर्धारित प्रयासों में बाधा उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है।