नागर विमानन प्राधिकार की स्थापना को लगभग खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि उन्हें नियामक का सिर्फ नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं दिखती।
सरकार ने हवाई किरायों में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी की यात्रियों की शिकायतों के मद्देनजर किरायों पर अधिकतम सीमा लागू करने की संभावना से गुरुवार को इनकार किया और कहा कि विमानन कंपनियों के के बीच की प्रतिस्पर्धा इस समस्या का हल निकाल लेगी। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि हवाई किरायों की सीमा तय किया जाना कारोबार की दृष्टि से कोई अच्छी बात नहीं होगी।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा के कांग्रेस उम्मीदवार और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा के लिए थोड़ी राहत की खबर है। राज्य में चार विधायकों वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तनखा को समर्थन देने की घोषणा की है।
लेखकों, शिक्षाविदों और कलाकारों का एक समूह आज नरेंद्र मोदी सरकार के समर्थन में सामने आया। इस समूह ने असहिष्णुता के प्रतिरोध को एक सिरचढ़े वर्ग की अपनी घटती अहमियत के खिलाफ एक तरह की नौटंकी बताकर खारिज कर दिया।
1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
पुणे स्थित फिल्म प्रशिक्षण संस्थान (एफटीआईआई) के विवाद में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर भी संस्थान के छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। ये छात्र गजेंद्र चौहान को एफटीआईआई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना भले ही मिलकर सरकार चला रहे हों मगर अब यह साफ हो चुका है सहयोग का यह भाव सिर्फ सरकार चलाने तक ही सीमित है। हकीकत यह है कि दोनों पार्टियां एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।
खरीफ फसलों के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान किया है। हालांकि अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये का अतिरिक्त बोनस दिया जाएगा लेकिन धान, कपास, ज्वार, बाजार जैसी अधिकांश खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में 15 से 50 रुपये तक की मामूली बढ़ोतरी की गई है।
केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर किसान नेताओं से मुलाकात की। किसान संगठनों ने भू-स्वामियों की मर्जी के खिलाफ जमीन न लेने और देश में आजादी के बाद हुए भूमि अधिग्रहण पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग उठाई है।